आदमगढ़ की पहाड़ियां
आदमगढ़ पहाड़ी
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में आदमगढ़ की पहाड़ियां स्थित है। आदमगढ़ पहाड़ी की गुफाएं नर्मदा नदी से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।आदमगढ़ नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।आदमगढ़ की पहाड़ियां,विंध्य पर्वतमाला या विंध्याचल पर्वत श्रेणी में मौजूद है।यह पहाड़ियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा प्रबंधित की जाती है।आदमगढ़ की गुफाएं,आदमगढ़ पहाड़ी पर स्थित है।आदमगढ़ की पहाड़ियों में कुल 18 गुफाएं बनी हुई है। आदमगढ़ पहाड़ी,मूख्य रूप से आदमगढ़ की गुफाएं,आदमगढ़ शैलाश्रय एवं आदमगढ़ शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है।आदमगढ़ पहाडियां में मिले है मानव जाति के समूह में रहने के प्रमाण।
आदमगढ़ के शैल चित्र : आदमगढ़ रॉक पेंटिंग
आदमगढ़ शैल चित्रों का इतिहास - पुरातत्वविदों, इतिहासकारों एवं पुरातात्विक स्रोतों के अनुसार आदमगढ़ के शैलचित्र 20 हजार साल पुराने हैं। आदमगढ़ की पहाड़ियों में स्थित चित्रित आदमगढ़ गुफाएं,आदमगढ़ शैलाश्रय एवं चित्रित शैलाश्रयों की खोज वर्ष 1922 मे मनोरंजन घोष ने की थी। यहां पर स्थित कई शैलाश्रयों में उत्तर पाषाण काल युग से लेकर मध्य पाषाण काल युग तक के चित्र बने हुए है और यहां जितने भी चित्र प्राप्त हुए है वे सफेद,गहरे लाल,हल्के गेरुआ और लाल रंग के चित्र है। यह जितने भी चित्र प्राप्त हुए हैं उन चित्रों में मानव जीवन के क्रियाकलापों पशुओं का चित्रण,युद्ध के दृश्य,शिकार के दृश्य आदि को दर्शाया गया है।
- इन गुफा एवं शैल चित्रों में मानव की दैनिक दिनचर्या जैसे शिकार, घुड़सवारी, नृत्य आदि से संबंधित चित्र है।आदमगढ़ के प्रमुख चित्र है विशालकाय भैसा, वृषभ,हिरण, नृत्य करते धनुर्धर है और कुछ जिराफ जैसे मिलते जुलते चित्र भी है।
- पहाड़ी पर कई शैलचित्र हैं लेकिन बहुत से शैलचित्र सुरक्षा के अभाव में नष्ट होते जा रहे है।
- इन सेलचित्रों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है।
- ये शैलचित्र आदमगढ़ पहाड़ी में लगभग 4 किलोमीटर के क्षेत्र में 20 गुफाओं या शैलाश्रयों में बने हुए है।
- गुफाओं या शैलाश्रयों में पशु जैसे हिरण,गज,सिंह, अश्व,जिराफ,वृषभ,गाय आदि पशुओं के चित्र बने हुए है एवं और योद्धा,मानव आकृतियां,नर्तक,वादक तथा गजारोही एवं टोटीदार पात्रों का चित्रण एवं अंकन किया गया है।
- आदमगढ़ शैल चित्रों में खनिज रंग जैसे हेमेटाइट, चूना, गेरू आदि का प्रयोग किया गया है और इन रंगों में में प्राकृतिक गोंद, पशु चर्बी आदि का मिश्रण करके पाषाण पर प्राकृतिक रूप से प्राप्त पेड़ों के कोमल रेशों अथवा जानवरों के बालों से बनी कूची की सहायता से उकेरा गया है।
- पुरातत्वविदों,इतिहासकारों एवं पुरातात्विक स्रोतों के हिसाब से आदमगढ़ शैल चित्र 20 हजार वर्ष पुराने हैं।
- यहां पर पाए गए शैलचित्र प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल के बीच के है जो मानव जाति के समूह में रहने का है प्रमाण देते है।
- वर्ष 1960 में आरवी जोशी एवं एमडी खरे के मार्गदर्शन मे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुरातात्विक उत्खनन करवाया था, जिसमें लाखों वर्ष प्राचीन आदि मानव के पाषाण उपकरण प्राप्त हुए थे।
- वर्तमान में आदमगढ़ पहाड़ी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल के अंतर्गत संरक्षित राष्ट्रीय महत्व कि पुरातात्विक स्थल घोषित किया है।
आदमगढ़ किस लिए प्रसिद्ध है
आदमगढ़ पहाड़ियों में पाए जाने वाले पूरा ऐतिहासिक शैलाश्रयों(गुफाओं) और शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- यहां पर पाषाण कालीन युग की कलाकृतियां निम्न पुरापाषाण कालीन युग और मध्य पाषाण कालीन युग के औजार खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं।
- 19वीं शताब्दी के दौरान इस स्थान पर किए गए शोध और उत्खनन के दौरान नवपाषाण कालीन युग के शैल चित्र प्राप्त हुए हैं।
आदमगढ़ की खोज - आदमगढ़ हिल्स की खोज किसने की थी
आदमगढ़ हिल्स(आदमगढ़ पहाड़ियां) की खोज वर्ष 1922 ईस्वी में श्री मनोरंजन घोष ने की थी।और वर्ष 1922 में श्री मनोरंजन घोष ने आदमगढ़ रॉक आश्रयों या आदमगढ़ शैलाश्रयों (आजमगढ़ की गुफाएं) की खोज की थी। निम्न पुरातत्वविदों द्वारा समय-समय पर और शोध किया जैसे:डी.एच. गॉर्डन और मित्रा (1927 CE), सिलबर्रड (1932 CE), ब्राउन (1932 CE), और हंटर (1935 CE)
आदमगढ़ की खोज - आदमगढ़ पहाड़ियों की खोज किसने की थी
आदमगढ़ पहाड़ियों की खोज वर्ष 1922 में मनोरंजन घोष ने की थी।वर्ष 1922 में मनोरंजन घोष द्वारा आदमगढ़ रॉक शेल्टर की खोज की गई थी।
आदमगढ़ कौन सा स्थल है
आदमगढ़ एक पुरातात्विक स्थल है,जो मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में स्थित है।यहां पर स्थित आदमगढ़ की पहाड़ियां अपने प्रागैतिहासिक शैलाश्रयों या गुफाओं और शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।यहां पर स्थित कई शैलाश्रयों या गुफाओं में उत्तर पाषाण कालीन युग से लेकर मध्य पाषाण कालीन युग तक के चित्र प्राप्त हुए है और उत्खनन के दौरान नवपाषाण काल या युग के शैल चित्र प्राप्त हुए है।
आदमगढ़ किस काल का है
आदमगढ़ का काल लगभग 9,000 ई.पू.से 4,000 ई.पू. तक की अवधि या काल का है।इस अवधि मे माइक्रोलिथ्स नामक छोटे ब्लेड वाले पत्थर के औजारों का विकास हो चुका था। और इन्हीं हजारों से आदमगढ़ में स्थित पहाड़ियों पर गुफाओं का निर्माण किया गया था।
वर्ष 1960 - 61 में आदमगढ़ की खुदाई या उत्खनन किसके द्वारा की गई थी
वर्ष 1961 में आदमगढ़ की खुदाई या उत्खनन आरवी जोशी एवं एमडी खरे के द्वारा की गई थी
1922 CE में किसके द्वारा आदमगढ़ रॉक आश्रयों की खोज की गई थी
1922 CE में मनोरंजन घोष द्वारा आदमगढ़ रॉक आश्रयों की खोज की गई थी
आदमगढ़ से संबंधित पुरातात्विक शोध किन पुरातत्वविदों द्वारा की गई थी
आदमगढ़ से संबंधित पुरातात्विक शोध निम्न पुरातत्वविदों द्वारा की गई थी-
- डी.एच. गॉर्डन और मित्रा (1927 CE),
- सिलबर्रड (1932 CE),
- ब्राउन (1932 CE),
- हंटर (1935 CE),