मध्य प्रदेश की नदी | पार्वती नदी
पार्वती नदी (Parvati River) जिसे पार्बती नदी (Parbati River) के नाम से भी जाना जाता है।भारत के हृदय में स्थित मध्य प्रदेश मैं बहने वाली एक प्रमुख नदी है जिसे 'पारा 'के नाम से भी जाना जाता है। पार्वती नदी का उद्गम स्थान मध्य प्रदेश राज्य के सीहोर जिले में विंध्याचल पर्वत श्रेणी या विंध्याचल पर्वतमाला मैं स्थित है। यह चंबल नदी की एक सहायक नदी है।पार्वती नदी की कुल लंबाई 436 किलोमीटर है।इस लेख में हम पार्वती नदी (पार्बती नदी) Parvati-Parbati River-Nadi मध्य प्रदेश की नदी से संबंधित निम्न जानकारियों पर चर्चा करेंगे जैसे:
- पार्वती नदी(पार्बती नदी)(Parvati-Parbati River-Nadi )
- पार्वती नदी का उद्गम, उत्पत्ति,उदगम स्थल या स्थान,
- पार्वती नदी की लंबाई,
- पार्वती नदी की सहायक नदियां या नदियाँ,
- पार्वती नदी के अन्य नाम या उपनाम,
- पार्वती नदी का मुहाना,
- पार्वती नदी पर बने हुए बांध,
- पार्वती नदी का अपवाह क्षेत्र या बेसिन,
- नर्मदा - पार्वती लिंक परियोजना,
- पार्वती नदी के तट पर या किनारे पर बसे हुए प्रमुख नगर या शहर,
- पार्वती नदी भारत के कौन-कौन से राज्यों में बहती है,
- पार्वती नदी मध्य प्रदेश राज्य एवं राजस्थान राज्य में कौन-कौन से जिलों में बहती है,
- पार्वती नदी के तट पर या संगम पर प्राचीन मंदिर,नाना साहब मराठा राजा की समाधि स्थल,
मध्य प्रदेश की नदी पार्वती नदी के टॉपिक पर प्रतिवर्ष प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं ।पार्वती नदी के टॉपिक पर महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी उपलब्ध करा रहा हूं।यह जानकारी Mppsc Pre/Prelims Exam के लिए महत्वपूर्ण एवं उपयोगी तो है लेकिन अन्य (Entrance Exam) प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण और उपयोगी है जैसे- SSC .UPSC .MP POLICE /SI. MP PATWARI EXAM .MP FOREST EXAM BANK EXAM.RAILWAY EXAM etc.यह सामान्य ज्ञान (General Knowledge)की जानकारी आपके लिए उपयोगी एवं महत्वपूर्ण साबित होगी।
पार्वती नदी(पार्बती नदी) Parvati-Parbati River-Nadi
पार्वती नदी (पार्बती नदी)(Parvati-Parbati River-Nadi ) मध्य प्रदेश की नदी है। इस नदी का उद्गम स्थान मध्य प्रदेश के सीहोर जिले मे है। पार्वती नदी सीहोर जिले से निकलकर चंबल नदी कोटा राजस्थान में मिल जाती है।पार्वती नदी उत्तर और उत्तर- पश्चिमी भारत में बहने वाली नदी है। पार्वती नदी का अन्य नाम है 'पारा', पार्वती नदी को "पारा" नाम से भी जाना जाता है।पार्वती नदी भारत के मध्य- प्रदेश से लेकर राजस्थान राज्य तक फैली हुई है।
पार्वती नदी विन्ध्याचल की पश्चिमी श्रेणियों में घने जंगल से सिद्दीकगंज ग्राम के पास से निकल कर अन्य जिलों से मुरैना में बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है।जो कि उ.प्र. व म.प्र. की सीमा पर यमुना नदी से मिल जाती है।पार्वती नदी चंबल नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।प्राचीन ग्रंथ जैसे महाभारत व मेघदूत (महाकवि कालिदास की रचना) में भी पार्वती नदी का उल्लेख किया गया है।
पार्वती नदी का उद्गम स्थान
पार्वती नदी का उद्गम स्थान मध्य प्रदेश की विंध्याचल पर्वतमाला के उत्तरी पार्श्व से हुआ है जो सिहोर मध्य प्रदेश के आष्टा तहसील के पास सिदिगंज गाव मे है।पार्वती नदी अपने उद्गम स्थान से बहते हुए राजस्थान राज्य के कडैयाहाट (बाँरा) जिले में प्रवेश करती है।
पार्वती नदी का अन्य नाम या उपनाम
पार्वती नदी मध्य प्रदेश की प्रमुख नदी है, पार्वती नदी का अन्य नाम है ‘पारा’
पार्वती नदी की कुल लंबाई
पार्वती नदी की कुल लंबाई 436 किलोमीटर है जिसमें मध्य प्रदेश राज्य में लगभग 300 किलोमीटर बहती है।
पार्वती नदी किस नदी की सहायक नदी है।
पार्वती नदी चंबल नदी की सहायक नदी है।
पार्वती नदी की सहायक नदियां
पार्वती नदी की सहायक नदियां निम्नलिखित है।
- ल्हासी, (लासी नदी)
- अंधेरी नदी
- विलास नदी
- बरनी नदी
- बैँथली नदी
पार्वती नदी भारत में कौन-कौन से राज्यों में बहती है
पार्वती नदी भारत में निम्नलिखित राज्यों में बहती है।
- मध्य प्रदेश राज्य
- राजस्थान राज्य
पार्वती नदी मध्य प्रदेश राज्य मे कौन-कौन से जिलों में बहती है।
पार्वती नदी मध्य प्रदेश राज्य में निम्नलिखित 4 जिलों में बहती है।
- सीहोर
- राजगढ़
- गुना
- श्योपूर
पार्वती नदी राजस्थान राज्य में कौन-कौन से जिलों में बहती है ।
पार्वती नदी राजस्थान राज्य में निम्नलिखित 3 जिलों में बहती है।
- बारां
- कोटा
- सवाई माधोपुर
पार्वती नदी के किनारे या तट पर बसे हुए प्रमुख नगर या शहर
पार्वती नदी के किनारे या तट पर बसे हुए प्रमुख नगर यह निम्नलिखित हैं
- नदी मऊ,
- मोंगरा,
- गावा,
- मर्हती,
- आष्टा
- नरसिंहगढ़
- राजगढ़ स्थित ब्यावरा
पार्वती नदी का अपवाह तन्त्र
पार्वती नदी का अपवाह तंत्र में 18 किलोमीटर तक राजस्थान व मध्य प्रदेश की सीमा बनाते हुए एवं बहते हुए राजस्थान राज्य के जिले में प्रवेश करती है तथा बाँरा व कोटा जिले में बहने के बाद पाली गाँव (सवाईमाधोपुर) के निकट चम्बल नदी में मिल जाती हैँ।
पार्वती नदी पर बने हुए बांध
पार्वती नदी पर बने हुए बांध निम्नलिखित है।
- पार्वती नदी के उद्गम स्थल पर ही रामपुर नामक बांध बना हुआ है।
- पार्वती नदी धौलपुर राजस्थान
- पार्वती सिंचाई परियोजना : मध्य प्रदेश राज्य में जिला राजगढ़ नरसिंहगढ़ में पार्वती नदी पर रेसाई गांव के पास पार्वती सिंचाई परियोजना के के अंतर्गत 1815 करोड़ की लागत से बांध का निर्माण किया जा रहा है। बांध निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। उम्मीद है की 1815 करोड़ रु. की लागत से तैयार किए जा रहे इस बांध का निर्माण वर्ष 2023 तक पूरा हो जाएगा। 162 मिलियन घनमीटर परियोजना की जल भराव क्षमता, 142.48 हजार हेक्टेयर रकबे में हाेगी सिंचाई, 2023 तक बनकर हो जाएगा तैयार हो जाएगा।पार्वती नदी सिंचाई परियोजना से राजगढ़ सहित सीहोर और भोपाल जिले को भी मिलेगा फायदा, बढ़ेगा कृषि उत्पादन परियोजना से 142.48 हजार हेक्टेयर रकबे में फसलाें की सिंचाई हो सकेगी। परियोजना की जल भराव क्षमता 162 मिलियन घन मीटर है। इस परियेाजना में बनाए जा रहे बांध की ऊंचाई 24.95 मीटर है।
- सुठालिया परियोजना:1375 करोड़ रुपए की लागत से पार्वती नदी पर बैराड़ गांव में बांध का निर्माण किया जा रहा है। सुठालिया में पार्वती नदी पर बैराड़ गांव के पास बांध का निर्माण किया जा रहा है।सुठालिया में पार्वती नदी के ऊपर 1375 करोड़ रुपये की लागत से विशाल डैम बनाया जाना है। 220 गांव की 49 हजार हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
- जानकारी के मुताबिक उक्त बांध बनने के साथ ही ब्यावरा एवं नरसिंहगढ़ तहसील के 220 गांवों की 49 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। जिसमें नवगठित सुठालिया तहसील के 95 प्रतिशत गांव भी शामिल हैं। इस बांध से ब्यावरा क्षेत्र के करीब 183 गांवों की जमीन सिंचित होगी, जबकि नरसिंहगढ़ के 37 गांवों की जमीन सिंचित होना है। बांध बनाने के लिए अब तेज गति से काम करने पर बल सभी के द्वारा देना शुरू कर दिया गया है।सुठालिया परियोजना से गुना, राजगढ़ और विदिशा की सीमा से लगे गांवों की जमीन सिंचित हो, वर्ष 2018 में सरकार द्वारा 1375 करोड़ की सुठालिया परियोजना ( suthaliya irrigation) स्वीकृत किया गया। इसका निर्माण 2024 तक होना है। राजगढ़ जिले के ब्यावरा (Biaora) विकासखंड में ग्राम बैराड़ के पास पार्वती नदी पर प्रस्तावित है।
- कुंभराज परियोजना : गुना की पार्वती नदी में भी बांध परियोजना तैयार की जाएगी। कुंभराज परियोजना के नाम से तैयार इस परियोजना की लागत 800 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना के तहत चाचौड़ा क्षेत्र के 65000 किसान लाभान्वित होंगे। इस परियोजना को कुंभराज बांध परियोजना का नाम दिया जाएगा। जिसके निर्माण की प्रक्रिया को जल्द शुरू कर दिया जाएगा।यह बांध पार्वती नदी के किनारे कुंभराज परियोजना के नाम से बनाया जाएगा।
नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना
पार्वती नदी के किनारे या संगम पर प्राचीन मंदिर
- धूमेश्वर महादेव मंदिर : सिंध नदी और पार्वती नदी के संगम पर बहुत ही प्राचीन धूमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है।
- भूतेश्वर महादेव मंदिर : बसेड़ी क्षेत्र से 3 किमी दूर भूतेश्वर महादेव मंदिर का प्राचीन मंदिर है। यह स्थान पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है।
- प्राचीन पंचमुखी हनुमानजी का मंदिर :बसेड़ी क्षेत्र से 3 किमी दूर प्राचीन पंचमुखी हनुमानजी का मंदिर है। यह स्थान पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है।
- मां पार्वती का मंदिर : मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में ऐसा ही एक मंदिर के कालापीपल के समीप है। मां पार्वती का यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। मंदिर की विशेषता यह है कि यह दो नदियों के बीच स्थित है। इस मंदिर की सीढ़ियां सीहोर जिले में है तो मंदिर शाजापुर जिले में है। मान्यता है कि यहां पर मां पार्वती ने तपस्या की थी इसीलिए मां की देहरी मानकर इस स्थल का नाम देहरीघाट पड़ा।मंदिर में मां पार्वती, सिंह वाहिनी मां दुर्गा तथा मां लक्ष्मी तीन देवियां विराजमान है। मंदिर के पीछे माता पार्वती नदी शांत भाव से बहती है तो मंदिर के सामने अजनाल नदी है। मंदिर की उत्तर दिशा में दोनों नदियों का संगम होता है। मां के मंदिर की दांई और भगवान भोलेनाथ का शिवालय तो बांई और पंचमूखी हनुमान तथा मध्य में प्रमुख नवग्रह शनि मंदिर है।
पार्वती नदी के किनारे नाना साहब मराठा राजा की समाधि
प्राचीन स्त्रोतों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि पार्वती नदी के किनारे नाना साहब मराठा राजा की समाधि है।
पार्वती नदी के तट पर राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण
पार्वती नदी के तट राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण बना हुआ है। इस अभ्यारण में घड़ियालों का संरक्षण किया जाता है।
पार्वती नदी का प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख
प्राचीन इतिहास के स्त्रतों के अनुसार पार्वती नदी का प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख किया गया है। जैसे प्राचीन ग्रंथ है।
- महाभारत
- मेघदूत (महाकवि कालिदास की रचना)
पार्वती नदी का मुहाना
पार्वती नदी का मुहाना : पार्वती नदी अपने उद्गम स्थान से बहते हुए राजस्थान राज्य के कडैयाहाट (बाँरा) जिले में प्रवेश करती है।तथा पार्वती नदी बाँरा व कोटा जिले में बहने के बाद पाली गाँव (सवाईमाधोपुर) के निकट चम्बल नदी में मिल जाती हैँ।
Conclusion
- पार्वती नदी की लंबाई 436 किलोमीटर है जिसमें मध्य प्रदेश राज्य में लगभग 300 किलोमीटर बहती है
- पार्वती नदी चंबल नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
- पार्वती नदी सीहोर के आष्टा से निकलती है।
- शाजापुर ,राजगढ़ होते हुए गुना को स्पर्श करते हुए पार्वती नदी कोटा जिले में चंबल से मिलती है ।
- राजगढ़ स्थित ब्यावरा , जिसे मध्य प्रदेश का चौराहा कहा जाता है , पार्वती नदी के किनारे स्थित है।
- ब्यावरा में चेदी का मेला पार्वती नदी के तट लगता है।
- राजगढ़ में स्थित नरसिंहगढ़ , जिसे ‘ मालवा ए कश्मीर ‘ भी कहते हैं , पार्वती नदी के किनारे स्थित है
- पार्वती-सिंधु संगम पर प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी पद्मावती बसी हुई है।
- पार्वती नदी के मुहाने पर राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण स्थित है
- पार्वती नदी विंध्यांचल पर्वत श्रंखलाओं की श्रेणी से 610 मीटर की ऊंचाई से निकलती है।
पार्वती नदी से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- ल्हासी, (लासी नदी)
- अंधेरी नदी
- विलास नदी
- बरनी नदी
- बैँथली नदी
- मध्य प्रदेश राज्य
- राजस्थान राज्य
- सीहोर
- राजगढ़
- गुना
- श्योपूर
- बारां
- कोटा
- सवाई माधोपुर
- नदी मऊ,
- मोंगरा,
- गावा,
- मर्हती,
- आष्टा
- नरसिंहगढ़
- राजगढ़ स्थित ब्यावरा
- रामपुर नामक बांध
- पार्वती सिंचाई परियोजना
- सुठालिया परियोजना
- कुंभराज परियोजना
- महाभारत
- मेघदूत (महाकवि कालिदास की रचना)