आदमगढ़ की गुफाएं - आदमगढ़ रॉक शेल्टर
आदमगढ़ रॉक शेल्टर या आदमगढ़ की गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में स्थित है।आदमगढ़ की गुफा नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में स्थित आदमगढ़ की पहाड़ियां पर स्थित है।यह गुफाएं मध्य प्रदेश की प्रमुख गुफाएं समूह में से एक है।यहां पर कुल 80 गुफाएं ( रॉक शेल्टर) हैं,जिनमें से 18 से 22 गुफाओं में शैलचित्र (रॉक पेंटिंग) बने हुए है। (होशंगाबाद) नर्मदापुरम शहर में इन गुफाओं को आदमगढ़ शैलाश्रय या आदमगढ़ रॉक शेल्टर के नाम से जाना जाता है।आदमगढ़ गुफाएं नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।यह गुफाएं नर्मदा नदी के दक्षिण दिशा में स्थित है। आदमगढ़ की गुफाएं विंध्याचल पर्वत श्रेणी में स्थित है।आदमगढ़ रॉक आश्रयों (आदमगढ़ रॉक शेल्टर ) या आदमगढ़ की गुफाओं की खोज वर्ष 1922 ईस्वी में मनोरंजन घोष ने की थी।आदमगढ़ मुख्य रूप से पहाड़ियों में स्थित प्रागैतिहासिक आदमगढ़ की गुफाएं ,शैलाश्रयों, रॉक शेल्टर,रॉक आश्रयों , आदमगढ़ रॉक पेंटिंग, रॉक आर्ट एवं आदमगढ़ शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- आदमगढ़ में स्थित पहाड़ियों, गुफाओ एवं शैलाश्रय में आदि मानव जाति के समूह में रहने के प्रमाण मिल चुके हैं।
- वर्ष 2023 तक आदमगढ़ में स्थित पहाड़ियों एवं गुफाओं(शैलाश्रयों) की खोज को 103 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।
- (आदमगढ़ रॉक शेल्टर ) आदमगढ़ की गुफाओं की खोज वर्ष 1922 में मनोरंजन घोष ने की थी।
- इन गुफाओं के शैलचित्र (रॉक पेंटिंग) उत्तर पाषाण काल से मध्य पाषाण काल के हैं।
- वर्ष 1960-1961 में आर.बी.जोशी एवं एम.डी. खरे के नेतृत्व में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा पुरातात्विक उत्खनन करवाया गया था जिसमें लाखों वर्ष के प्राचीन उपकरण प्राप्त हुए हैं।उत्खनन से यह जानकारी प्राप्त होती है कि इस स्थान पर आदि मानव ने उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों का निर्माण स्थल बनाया था।
- आदमगढ़ की पहाड़ियों एवं यहां पर स्थित आदमगढ़ गुफाओं को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भोपाल मंडल के द्वारा संरक्षित राष्ट्रीय महत्व की पुरातात्विक स्थल घोषित किया गया है।
- यहां पर प्राप्त शैल चित्र (रॉक पेंटिंग) प्राचीन प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल के बीच के है।
- पुरातत्वविदों और इतिहासकारों के अनुसार आदमगढ़ के शैलचित्र 20000 वर्ष पुराने हैं।
आदमगढ़ के शैलचित्र - आदमगढ़ रॉक पेंटिंग - Rock Painting of Adamgarh
आदमगढ़ के शैलचित्र - आदमगढ़ रॉक पेंटिंग :- मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में स्थित आदमगढ़ एक पुरातात्विक स्थल है।पुरातात्विक स्रोतों,पुरातत्वविदों,एवं इतिहासकारों के अनुसार (Rock Painting of Adamgarh) आदमगढ़ के शैलचित्र (आदमगढ़ रॉक पेंटिंग) 20 हजार साल पुराने है।आदमगढ़ रॉक पेंटिंग (शैलचित्र) मुख्य रूप से प्रागैतिहासिक काल से लेकर ऐतिहासिक काल की पेंटिंग है।आदमगढ़ में लगभग 80 गुफाएं(रॉक शेल्टर) है,जिनमें से 18 से 22 गुफाओं में शैलचित्र(रॉक पेंटिंग) बनी हुई है।आदमगढ़ रॉक पेंटिंग या आदमगढ़ शैल चित्रों की खोज वर्ष 1922 में मनोरंजन घोष ने की थी।यहां पर प्राप्त शैल चित्र उत्तर पाषाण काल या युग से लेकर मध्य पाषाण काल या युग के बीच के है। मध्य प्रदेश राज्य के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में प्रागैतिहासिक रॉक पेंटिंग आदमगढ़ की पहाड़ियों,आदमगढ़ गुफाओं एवं आदमगढ़ रॉक शेल्टर में स्थित है।यहां पर स्थित कई शैलाश्रयों में उत्तर पाषाण काल से लेकर मध्य पाषाण काल तक के शैलचित्र (रॉक पेंटिंग) बने हुए है और यहां जितने भी शैलचित्र प्राप्त हुए है वे सफेद,गहरे लाल,हल्के गेरुआ और लाल रंग के चित्र है। यह जितने भी चित्र प्राप्त हुए हैं उन चित्रों में आदि मानव के जीवन के क्रियाकलापों पशुओं का चित्रण,युद्ध के दृश्य,शिकार के दृश्य आदि को दर्शाया गया है।
- प्रागैतिहासिक काल में आदि मानव के द्वारा बनाए गए इन शैल चित्रों (रॉक पेंटिंग) में आदि मानव की दैनिक दिनचर्या एवं क्रियाकलापों जैसे शिकार, घुड़सवारी, नृत्य, पशुओं का चित्रण,युद्ध के दृश्य आदि से संबंधित चित्र है।
- आदमगढ़ के शैलचित्रों (आदमगढ़ रॉक पेंटिंग) में प्रमुख चित्र है विशालकाय भैसा, वृषभ,हिरण, नृत्य करते धनुर्धर है और कुछ जिराफ जैसे मिलते जुलते चित्र भी है।
- आदमगढ़ पहाड़ी पर कई शैलचित्र हैं,लेकिन सुरक्षा के अभाव में बहुत से शैलचित्र नष्ट हो चुके है।
- इन शैलचित्रों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है।
- ये शैलचित्र आदमगढ़ पहाड़ी में लगभग 4 किलोमीटर के क्षेत्र में 20 गुफाओं या शैलाश्रयों में बने हुए है।
- आदमगढ़ गुफाओं या शैलाश्रयों में पशु जैसे हिरण,गज,सिंह,अश्व,जिराफ,वृषभ,गाय आदि पशुओं के शैलचित्र बने हुए है इन शैलचित्रों में योद्धा,मानव आकृतियां,नर्तक,वादक तथा गजारोही एवं टोटीदार पात्रों का चित्रण एवं अंकन किया गया है।
- आदमगढ़ रॉक पेंटिंग या आदमगढ़ शैल चित्रों में खनिज रंग जैसे हेमेटाइट, चूना, गेरू आदि का प्रयोग किया गया है और इन रंगों में प्राकृतिक गोंद, पशु चर्बी आदि को मिलाकर रंग को तैयार किया गया था और पाषाण पर प्राकृतिक रूप से प्राप्त पेड़ों के कोमल रेशों का उपयोग करके अथवा जानवरों के बालों से बनी कूची की सहायता से शैल चित्र बनाए गए थे।
- (आदमगढ़ रॉक पेंटिंग) आदमगढ़ के शैलचित्र प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल के बीच के है जो आदि मानव जाति के समूह में रहने का है प्रमाण देते है।
- वर्तमान में आदमगढ़ पहाड़ी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल के अंतर्गत संरक्षित राष्ट्रीय महत्व कि पुरातात्विक स्थल घोषित किया है।
आदमगढ़ की गुफाएं कहां स्थित है
आदमगढ़ की गुफाओं की खोज : आदमगढ़ गुफाओं की खोज किसने की थी
आदमगढ़ की खोज किसने की : आदमगढ़ स्थल की खोज किसने की थी
आदमगढ़ रॉक आश्रयों की खोज
आदमगढ़ हिल्स की खोज किसने की
आदमगढ़ क्यों प्रसिद्ध है : आदमगढ़ किस लिए प्रसिद्ध है
- यह एक पुरातात्विक स्थल है।
- यह स्थल एक प्राचीन प्रागैतिहासिक स्थल है।
- आदमगढ़ 20000 वर्ष पुराने अपने शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- इस स्थल पर प्राचीन प्रागैतिहासिक काल के आदि मानव जाति के समूह में रहने के प्रमाण प्राप्त हुए है।
- आदमगढ़ अपनी गुफाओं (रॉक शेल्टर) के लिए प्रसिद्ध है।
- यह स्थल रॉक आर्ट एवं रॉक पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध है।
- यह स्थल प्राचीन पत्थरों या पाषाणों पर की गई चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है।
- आदमगढ़ स्थल प्रागैतिहासिक रॉक शेल्टर एवं रॉक आर्ट के लिए प्रसिद्ध है।
- आदमगढ़ प्राचीन ऐतिहासिक शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है।