भीमबेटका की गुफाएं | मध्य प्रदेश
भीमबेटका गुफाएं मध्य प्रदेश :- आज इस लेख में हम भीमबेटका गुफाएं जो भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के अब्दुल्लागंज रायसेन जिले में स्थित है की महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी प्राप्त करेंगे।(Bhimbetka Caves or Rock Shelters) भीमबेटका की गुफाएं एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है।भीमबेटका की गुफा हजारों साल पुरानी मानी जाती है।मध्य प्रदेश का भीमबेटका अपनी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है।भीमबेटका की गुफाएं 30000 वर्ष या साल पुरानी मानी जाती है।आज हम इस लेख में इन प्राचीन प्रसिद्ध गुफाओं की निम्न महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे :-
- भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश में कहां स्थित है
- भीमबेटका की गुफाएं कौन से राज्य में स्थित है?
- भीमबेटका कौन से जिले में स्थित है?
- भीमबेटका किस जिले में स्थित है?
- भीमबेटका की गुफाएं किन पहाड़ियों में स्थित है?
- भीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित है?
- भीमबेटका की गुफाएं कहां है?
- भीमबेटका कहां स्थित है और इसका क्या महत्व है?
- भीमबेटका का इतिहास ?
- भीमबेटका की खोज कब की गई थी?
- भीमबेटका की खोज किसने की थी?
- भीम बैठिका गुफाओं की खोज सबसे पहले किसने की थी?
- भीमबेटका कहां स्थित है तथा इसकी खोज कब तथा किसके द्वारा की गई?
- भीमबेटका की खोज कैसे हुई?
- भीमबेटका गुफाओं के संस्थापक कौन थे?
- भीमबेटका गुफाओं में कितनी गुफाएं हैं?
- भीम बैठका गुफाएं कितनी हैं?
- मध्य प्रदेश के भीमबेटका में कितनी शैलाश्रय हैं?
- भीमबेटका में कितने शैलाश्रय है?
- भीमबेटका में कितनी शैलाश्रय है?
- भीमबेटका की गुफाओं में कौन से चित्र हैं?
- भीमबेटका में कौन से चित्र है?
- भीमबेटका की गुफाओं में किस प्रकार के और कितने चित्र मिले हैं?
- भीमबेटका किस लिए प्रसिद्ध है?
- भीमबेटका क्यों प्रसिद्ध है?
- भीमबेटका का नाम ऐसा क्यों पड़ा है?
- भीमबेटका का क्या अर्थ है?
- भीमबेटका की गुफाएं कितने साल पुरानी मानी जाती है?
- भीमबेटका की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
- भीमबेटका के शैल आश्रयों पर खींची गई पेंटिंग की महत्वपूर्ण विशेषताएं क्या हैं?
- भीमबेटका के प्रागैतिहासिक चित्र कहाँ स्थित हैं?
- भीमबेटका गुफा चित्रकला में प्रयुक्त लाल रंग का स्रोत क्या है
भीमबेटका गुफाएं : भीमबेटका शैलाश्रय : Bhimbetka Caves or Rock Shelters
भीमबेटका गुफाएं मध्य प्रदेश :- भीमबेटका की गुफाएं
भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के अब्दुल्लागंज रायसेन जिले में स्थित है।यह एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है या पुरापाषाणकालीन संस्कृति का आवासीय पुरातात्विक स्थल है।भीमबेटका की गुफाएं विंध्याचल पर्वत की पहाड़ियों के निचले छोर में स्थित है।यह गुफाएं चारों तरफ से विंध्याचल पर्वत से घिरी हुई है और इन गुफाओं के दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ शुरू हो जाती हैं।इन गुफाओं को भीमबैठका की गुफाएँ भी कहते हैं।इस स्थल को (Bhimbetka Caves or Bhimbetka Rock Shelters) भीमबेटका के शैलाश्रय के नाम से भी जाना जाता है।भीमबेटका की प्रमुख विशेषताएं यह है कि यह आदि-मानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है।(Bhimbetka caves-rock shelters ) मध्य भारत में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है, जो पुरापषाण और मध्यपाषाण काल के साथ-साथ ऐतिहासिक काल तक फैला हुआ है।ये गुफाएँ मध्यप्रदेश में रातापानी वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थित है ।भीमबेटका के चित्र या शैलचित्रों को 30000 साल पुरानी बताई गई है।मध्य प्रदेश की गुफा भीमबेटका के महत्वपूर्ण तथ्य:
- भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश में अब्दुल्लागंज रायसेन जिले में स्थित हैं।
- भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य में स्थित हैं।
- भीमबेटका मध्य प्रदेश राज्य के अब्दुल्लागंज रायसेन जिले में स्थित हैं ।
- भीमबेटका के प्रागैतिहासिक चित्र म.प्र, राज्य के अब्दुल्लागंज रायसेन जिले में स्थित हैं ।
- भीम बैठिका गुफाओं की खोज सबसे पहले डॉक्टर विष्णुश्रीधर वाकणकर ने की थी।भीमबेटका की खोज डॉक्टर विष्णुश्रीधर वाकणकर द्वारा वर्ष 1957-1958 में की थी।डॉ.विष्णुश्रीधर वाकणकर को इन गुफाओं का संस्थापक माना जाता है।
- भीमबेटका विश्व का सबसे बड़ा गुफा समूह है।
- भीमबेटका की गुफाओं में बने हुए विभिन्न प्रकार के चित्र और शैलचित्र मिले हैं उन्हे प्राचीन भारत के इतिहास के पूरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है।
- भीमबेटका में पाए गए चित्र या शैलचित्र को भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्ह माना गया है और यह शैलाश्रय भारत की सबसे प्राचीन संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है।
- यह स्थल मध्य प्रदेश प्रांत या राज्य की राजधानी भोपाल से 45 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिणपूर्व में स्थित है।
- इस स्थान का संपूर्ण क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल, मंडल के द्वारा अगस्त 1990 में इस स्थल को राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया गया था।
- फिर जुलाई 2003 में यूनेस्को के द्वारा भीमबेटका (Bhimbetka Caves or Rock Shelters) को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया या शामिल किया गया।
- इस स्थल मैं अन्य पुरातत्व अवशेष या पूरावशेष भी प्राप्त हुए हैं जैसे प्राचीन किले की दीवार,लघुस्तूप ,पाषाण निर्मित भवन,शुंग- गुप्त कालीन अभिलेख और परमार वंश कालीन मंदिर के अवशेष।
- यह गुफाएँ या शैलाश्रय पूरे भारत में स्थित है
- यह गुफाएँ-गुफाएं भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है।
- यह स्थल मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे या छोर पर स्थित है।
- यह गुफाएँ या शैलाश्रय विंध्याचल पर्वत की पहाड़ियों के निचले छोर पर स्थित है ।
- इन शैलाश्रयों या गुफाओं के दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियां शुरू होती है ।
- इस स्थान को महाभारत काल से संबंधित माना गया है और ऐसा माना जाता है कि यह स्थल महाभारत के चरित्र भीम से संबंधित है इसी कारण से इस स्थल का नाम भीमबैठका (वर्तमान में भीमबेटका) पड़ा।
- यहाँ कुल 600 से 750 गुफाएँ-गुफाएं हैं और इन गुफाओं में लगभग 275 शैलाश्रय चित्र बने हुए हैं जो सिर्फ मध्य प्रदेश राज्य में पाए जाते हैं।
- यह स्थान पूर्वपाषाण काल से मध्य ऐतिहासिक काल तक आदि-मानव की गतिविधियों का केंद्र था।
- इन गुफाओं के शैल चित्र सामूहिक नृत्य,रेखांकित मानव आकृति,शिकार,पशु पक्षी ,युद्ध और प्राचीन आदि-मानव के दैनिक जीवन के क्रियाकलापों से संबंधित हैं और इन चित्रों में प्रयोग किए गए खनिज रंगों में मुख्य रूप से लाल गेरुआ सफेद पीला और हरा रंग प्रयोग किया गया है।
- इस स्थान का संबंध नवपाषाण काल से है।
- यह गुफाएँ प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों या शैलचित्रों के लिए प्रसिद्ध है इन गुफाओं में बने हुए चित्र 12000 साल पुरानी मानी गई हैं।
- इस स्थल को दुनिया में मानव विकास का आरंभिक स्थान माना गया है।
- ये गुफाएँ रायसेन जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
- यह एक पुरापाषाणिक एक पुरातात्विक स्थल है ।
- डॉ.विष्णुश्रीधर वाकणकर को भीमबेटक का संस्थापक माना जाता है।
भीमबेटका का इतिहास
भीमबेटका का इतिहास हजारों साल पुराना है।यह भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है।यह स्थल अपनी गुफाओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।भीमबेटका गुफाओं में कुल 600 से 750 गुफाएं या शैलाश्रय हैं, भीमबेटका गुफाएँ आदिमानव के द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन गुफा को भीमबैठका के नाम से भी जाना जाता है, इन गुफाओं में पाए गए शैलचित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय माना गया है। क्योंकि यह स्थान महाकाव्य महाभारत के पात्र भीम से संबंधित है।ऐसा माना जाता है कि यह स्थान भीम के बैठने की जगह या स्थान है,इसी मान्यता के कारण ही इस स्थान का नाम भीमबैठका (वर्तमान में भीमबेटका) पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर स्थित है। इन गुफाओं के दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ शुरू हो जाती हैं।
भीमबेटका के चित्र या शैलचित्र
भीमबेटका के चित्र या शैलचित्र भीमबेटका की गुफाओं (Bhimbetka Caves or Rock Shelters) की आंतरिक सतहो पर बनी हुई या उत्कीर्ण की गई प्यालेनुमा निशान लगभग एक लाख वर्ष पूराने है।भीमबेटका के शैल आश्रयों पर खींची गई पेंटिंग की महत्वपूर्ण विशेषताएं यह है की इन गुफाओं में बने हुए सभी चित्रों की कृतियों में प्राचीन आदि-मानव के दैनिक जीवन की घटनाओं एवं क्रियाकलापों से संबंधित है।
भीमबेटका की गुफाओं में कौन से चित्र हैं- भीमबेटका में कौन से चित्र है
भीमबेटका गुफा में उत्कीर्ण चित्र या चित्रों में मुख्य रूप से नृत्य,संगीत ,आखेट, हाथियों एव घोड़ों की सवारी,आभुषणों को सजाने एवं शहद एकत्रित करना, आदि विषयों से संबंधित हैं। इसके अतिरिक्त बाघ,सिंह,जंगली सूअर,हाथियों,कुत्तों और घड़ियालों जैसे जानवरों को भी इन चित्रों में बनाया गया है।इस प्रकार यह स्थल भारत के प्राचीन इतिहास के आदि-मानव के विकास का आरंभिक स्थान माना जाता है।
भीमबेटका क्यो और किस लिए प्रसिद्ध है
भीमबेटका इसलिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है।मध्य प्रदेश का भीमबेटका अपनी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है।यह गुफाएंँ प्रागैतिहासिक रॉक पेंटिंग और रॉक शेल्टर के लिये बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। यह गुफाएँ प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय और प्रसिद्ध है।ये गुफाएं मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए भी प्रसिद्ध है।गुफ़ओं की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12000 साल पुरानी माना जाता है।
भीमबेटका की विशेषताएं
भीमबेटका की विशेषता यह है कि यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है।भीमबेटका की प्रमुख विशेषता यह है की यहाँ कि चट्टानों पर हज़ारों वर्ष पूर्व बनी चित्रकारी आज भी मौजूद है और यह पर 600 गुफाएं है।इन गुफाओं को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।इस स्थान के क्षेत्र को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
भीमबेटका की गुफाएं कौन से राज्य में स्थित है
भीमबेटका की गुफाएं भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है यह गुफा राजधानी भोपाल के दक्षिण पूर्व में लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है।
भीमबेटका कौन से जिले में स्थित है - भीमबेटका किस जिले में स्थित है
भीमबेटका भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है। रायसेन जिले में स्थित यह स्थल एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है।यह स्थल अपनी गुफाओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
भीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित है - भीमबेटका की गुफाएं कहां है?
भीमबेटका की गुफाएँ भारत के मध्य प्रदेश के अब्दुल्लागंज-
रायसेन जिले में स्थित है। यह गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य में स्थित विंध्याचल पर्वत की पहाड़ियों में स्थित है।यह स्थल मध्य-प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के दक्षिण-पूर्व में लगभग 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।
भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश में कहां स्थित है
भीमबेटका की गुफाएँ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है। मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित इन गुफाओं को भीमबेटका रॉक शेल्टर के नाम से भी जाना जाता है जो एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है।
भीमबेटका की खोज कब की गई थी
भीमबेटका की खोज वर्ष 1957-1958 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर (डॉ. वी.एस. वाकणकर) ने की थी।सबसे पहले इन गुफाओं की खोज करने वाले पहले पुरातात्विक वी.एस.वाकणकर थे। उन्होंने यहा की रॉक शेल्टर की संरचनाओ को देखने के बाद इस क्षेत्र का दौरा किया और उन्हें ऐसा लगा की यह रॉक शेल्टर वैसी ही है, जैसी फ्रांस और स्पेन में देखी गयी थी। उन्होंने सन 1957-1958 के दौरान इस जगह पर विधमान कई प्रागैतिहासिक रॉक आश्रयों की सूचना दी।
भीमबेटका की खोज किसने की थी
भीमबेटका की गुफाओं की खोज डॉ. विष्णुश्रीधर वाकणकर (डॉ. वी.एस. वाकणकर) ने की थी।इन गुफाओं की खोज वर्ष 1957-1958 में हुई थी ।
भीम बैठिका गुफाओं की खोज सबसे पहले किसने की थी
भीम बैठिका गुफाओं की खोज सबसे पहले डॉ. विष्णुश्रीधर वाकणकर (डॉ. वी.एस. वाकणकर) ने वर्ष 1957-1958 में की थी।
भीमबेटका गुफाओं के संस्थापक कौन थे - भीमबेटका रॉक शेल्टर के संस्थापक थे
भीमबेटका रॉक शेल्टर, जिसे भीमबेटका की गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है के संस्थापक डॉ. विष्णुश्रीधर वाकणकर थे। उन्होंने वर्ष 1957-1958 में इन गुफाओं की खोज की थी।
भीमबेटका की गुफाएं किन पहाड़ियों में स्थित है
भीमबेटका की गुफाएं विंध्याचल पर्वत की पहाड़ियों के निचले छोर में स्थित है।ये गुफाएं मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर है।भीमबेटका के रॉक शेल्टर्स पाषाण गुफाएं या आश्रय विंध्य रेंज या विंध्याचल पर्वत श्रेणी की तलहटी में स्थित है।भीमबेटका मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित विंध्याचल पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है।ये गुफाएं चारों तरफ से विंध्याचल पर्वत से घिरी हुई है।
भीमबेटका गुफाओं में कितनी गुफाएं हैं - भीम बैठका गुफाएं कितनी हैं
भीमबेटका की गुफाओं की संख्या 600 से 750 है।यहां पर कुल 600 से 750 गुफाएं हैं और यह गुफाएंँ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है।
भीमबेटका में कितने शैलाश्रय है
भीमबेटका में कल 600 से 750 शैलाश्रय है।
भीमबेटका की गुफा में चित्रकारी के उद्देश्य
भीमबेटका की गुफा में चित्रकारी के उद्देश्य शैल चित्रों के माध्यम से सामूहिक नृत्य, रेखांकित मानवाकृति, शिकार, पशु-पक्षी, युद्ध और प्राचीन मानव जीवन के दैनिक क्रियाकलापों का वर्णन करना था।
धार्मिक मान्यताओं और विभिन्न पशु पक्षियों की चित्रकारी द्वारा अपने जीवन के सभी पहलुओं के बारे में चित्रकारी करना ही इनका प्रमुख उद्देश्य था।
भीमबेटका की गुफाएं कितने साल पुरानी मानी जाती है
भीमबेटका की गुफाएँ लगभग 30000 साल या वर्ष पुरानी मानी जाती है। ये गुफाये 1000 वर्षों से भी ज्यादा प्राचीन है।
भीमबेटका का नाम ऐसा क्यों पड़ा है
भीमबेटका को महाभारत काल से संबंधित माना गया है और ऐसा माना जाता है कि यह स्थल महाभारत के चरित्र भीम से संबंधित है इसी कारण से इस स्थल का नाम भीमबैठका (वर्तमान में भीमबेटका) पड़ा।
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निष्कर्ष
इस लेख से हमें भीमबेटका (Bhimbetka caves) की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जिसमें यह ज्ञात हुआ कि भीमबेटका की गुफाएं भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है और यह गुफाएँ-गुफाएं लगभग 30000 साल-वर्ष पुरानी मानी जाती है।यह गुफाएँ-गुफाएं विंध्याचल पर्वत श्रेणी पर स्थित है।भीमबेटका के शैलाश्रयों पर बने हुए चित्र या शैलचित्र आदि-मानव के द्वारा बनाए गए थे। भीमबेटका एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। इन गुफाओं को भीमबेटका रॉक शेल्टर के नाम से भी जाना जाता है।भीमबेटका की खोज डॉक्टर विष्णुश्रीधर वाकणकर द्वारा वर्ष 1957-1958 में की थी।डॉ.विष्णुश्रीधर वाकणकर को भीमबेटक का संस्थापक माना जाता है।