उदयगिरि की गुफाएँ | मध्य प्रदेश
उदयगिरि की गुफाएँ
उदयगिरि की गुफाएँ, मध्य प्रदेश :- उदयगिरि की गुफाएँ, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित है।ये गुफाएँ भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।ये गुफाएँ बेतवा की सहायक नदी बेस नदी के तट पर स्थित है ।उदयगिरि गुफाएं, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर उदयगिरी की पहाड़ियों पर स्थित है।यहां पर कुल 20 गुफाएँ हैं।यह गुफाएं चौथी एवं पांचवी शताब्दी ईस्वी पूर्व में पहाड़ी की चट्टानों को काट कर ये गुफाएं बनाई गई थी। बेतवा नदी और बेस नदी के बीच खड़ी उदयगिरि की पहाड़ी पर बनी इन 20 गुफाओं में कुल 20 मंदिर है,इनमें से कुछ मंदिर भारत के प्राचीनतम हिंदू मंदिरों में से एक है।चौथी एवं छठी शताब्दी के बीच गुप्त काल में इन चट्टानों और पत्थरों को काटकर इन गुफाओं को बनाया गया और इन पर कुछ आकृतियां और जानकारियां भी उकेरी गई इन गुफाओं से प्राप्त अभिलेखों से हमें गुप्त काल के शासकों चंद्रगुप्त द्वितीय और कुमारगुप्त प्रथम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।ये गुफाएँ गुप्त काल की है। गुप्त काल में गुप्त शासकों को कला और शिल्प में बड़ी रूचि थी।उनके शासनकाल में निर्माण की तकनीकों में भी बहुत विकास हुआ थ। उदयगिरि को पहले नीचैगिरि के नाम से जाना जाता था।10 वीं शताब्दी में विदिशा जब धार के परमारों के अधिकार में आया तो राजा भोज के पुत्र उदयादित्य ने अपने नाम से इस स्थान का नाम उदयगिरि(Udayagiri) रखा।ब्रिटिश आर्कोलॉजीस्ट अलेक्जेंडर कनिंघम ने इन गुफाओं की खोज 1875 में की थी।उन्होंने खोज के दौरान यहां पर 10 गुफाएं खोजी थी।ये गुफाएँ शिव विष्णु और दुर्गा को समर्पित है।इन गुफाओं में सबसे लोकप्रिय गुफा क्रमांक 5 है इस गुफा में विष्णु जी के वराह अवतार की लगभग 12 फीट ऊंची मूर्ति स्थित है, और इसमें भूदेवी (पृथ्वी)की मुक्ति को दर्शाया गया है।ये 20 ऐतिहासिक गुफाएँ चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल से जुड़ी हुई है।ये गुफाएँ महत्वपूर्ण दस्तावेज है क्योंकि यह भारत में हिंदू कला के प्रारंभिक और प्राचीन कला की परिचायक है और ये गुफाएं यह दर्शाती है कि पांचवी शताब्दी के प्रारंभ में ही हिंदू मूर्ति और शिल्प कला स्थापित हो चुकी थी।इन गुफाओं पर चंद्रगुप्त द्वितीय का संरक्षण था।उदयगिरि की गुफाएँ भारत का सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है एवं भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है।
उदयगिरि में कितनी गुफाएं हैं
उदयगिरि में कुल 20 गुफाएँ है।इन 20 गुफाओं में गुफा क्रमांक 1 एवं 20 जैन धर्म से संबंधित है एवं गुफा क्रमांक 2 से 19 तक की सभी गुफाएँ हिंदू धर्म से संबंधित है।इन 20 गुफाओं में भारत के कुछ प्राचीनतम कुल 20 हिंदू मंदिर हैं।ये गुफाएं उदयगिरि की पहाडियों के पूर्व दिशा में चट्टानों और पत्थरों को काटकर उदयगिरि की गुफाएँ बनाई गई हैं।
उदयगिरि की गुफाएं कहां है
उदयगिरि की गुफाएं, मध्य प्रदेश के विदिशा के निकट स्थित 20 गुफाएँ हैं।
- उदयगिरि गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य में है।
- गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा जिले में है।
- ये गुफाएं उदयगिरि की पहाड़ियों में हैं जो विदिशा जिले में है।
उदयगिरि की गुफाएं कहां स्थित है
उदयगिरी गुफाएं मध्य प्रदेश के विदिशा के पास स्थित हैं।
- उदयगिरि की गुफाएँ भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।
- ये गुफाएँ मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा जिले में स्थित है।
- ये गुफाएँ(गुफाएं) मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित है।
- ये गुफाएँ बेतवा की सहायक नदी बेस नदी के तट पर स्थित है ।
- ये गुफाएँ उदयगिरि की पहाडियों में स्थित है।
उदयगिरि कौन से राज्य में स्थित है
उदयगिरी गुफाएँ मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा के पास स्थित हैं।ये गुफाएँ भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।
उदयगिरि की गुफाएं किस जिले में है : उदयगिरि की गुफाएं मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है
उदयगिरि की गुफाएं, मध्य प्रदेश के विदिशा के निकट स्थित है।ये गुफाएं मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा जिले में स्थित है
उदयगिरि की गुफाएं किस काल की है
इन गुफाओं का इतिहास यह दर्शाता है कि ये गुफाएं चौथी एवं पांचवी शताब्दी के गुप्त काल की है। ये गुफाएँ ५वीं शताब्दी (ईशा पश्चात) के आरम्भिक काल की हैं ।ये गुफाएँ गुप्तकालीन है। यह गुफाएं चंद्रगुप्त द्वितीय (375 - 415 ई.) और कुमारगुप्त प्रथम (415 स- 55 ई.) के शासन काल से संबंधित गुप्त वंश के काल की है।
उदयगिरि की मूर्तियां किस धर्म से संबंधित है
(Udayagiri)उदयगिरि की मूर्तियां हिंदू धर्म और जैन धर्म से संबंधित है।इन 20 गुफाओं में गुफा क्रमांक 1 एवं 20 जैन धर्म से संबंधित है एवं गुफा क्रमांक 2 से 19 तक की सभी गुफाएँ हिंदू धर्म से संबंधित है।उदयगिरि की गुफाओं की मूर्तियां हिंदू धर्म और जैन धर्म से संबंधित है।
उदयगिरि की गुफाएं का इतिहास
उदयगिरि गुफाओं का इतिहास यह दर्शाता है कि ये गुफाएँ चौथी एवं पांचवी शताब्दी के गुप्त काल की है।इन गुफाओं में स्थित शिलालेखों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि इन गुफाओं का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में चौथी शताब्दी (250 - 410 ई.) में किया गया था या हुआ था।ये गुफाएँ गुप्त नरेशों द्वारा निर्मित कराई गई थी।
उदयगिरि की गुफा की खोज किसने की : उदयगिरी गुफाओं की खोज किसने की थी
उदयगिरि की गुफा-गुफाओं की खोज अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1870 के दशक में की थी।अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का जनक माना जाता है।
उदयगिरि शिलालेख
(Udayagiri Caves)उदयगिरि की गुफाओं से जो प्रसिद्ध उदयगिरि शिलालेख जो प्राप्त हुए हैं,वह चंद्रगुप्त द्वितीय (375 - 415 ई.) और कुमारगुप्त प्रथम (415 स- 55 ई.) के शासन काल से संबंधित गुप्त वंश के महत्वपूर्ण शिलालेख है।जैन गुफा में गुप्त संवत-106 (425 ई.) से पहले पुराने जैन शिलालेखों में से एक महत्वपूर्ण शिलालेख है,जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि कुरुदेश के शंकर स्वर्णकार ने कर्मारगण (स्वर्णकार संघ) के हित के लिए गुहा मंदिर में तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा का निर्माण कराया था।इन गुफाओं मे स्थित सभी शिलालेख ब्राह्मी लिपि मे लिखे गए है और यह सभी शिलालेख गुप्तकालीन या गुप्त काल के है।
उदयगिरि से मिले गुप्त वंश का अभिलेख किसका है
उदयगिरि की गुफाओं से मिले गुप्त वंश का अभिलेख चंद्रगुप्त विक्रमादित्य 2 ( चंद्रगुप्त द्वितीय) का है।इन गुफाओं पर चंद्रगुप्त द्वितीय का संरक्षण था।शिलालेख जो प्राप्त हुए हैं,वह चंद्रगुप्त द्वितीय (375 - 415 ई.) और कुमारगुप्त प्रथम (415 स- 55 ई.) के शासन काल से संबंधित गुप्त वंश के महत्वपूर्ण शिलालेख है।
उदयगिरि क्यों प्रसिद्ध है
उदयगिरि गुफा (Udayagiri Caves) जैन भिक्षुओं के गुरु का निवास स्थल हुआ करता था। उदयगिरि की गुफाएँ एक जैन धर्म और बाकी हिंदू धर्म को समर्पित है। पांचवीं गुफा भगवान विष्णु की प्राचीन स्मारक प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
- ये गुफाएँ भारत के कुछ प्राचीनतम हिंदू मंदिर और चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- यह गुफा भगवान विष्णु की प्राचीन स्मारक प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
- यह गुफाएँ हिंदू और जैन मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
- ये गुफाएँ हिंदू और जैन मूर्तिकारी के लिए प्रसिद्ध है।
- गुफा में वाराहा अवतार में लेटी हुई प्रतिमा अत्यंत प्रसिद्ध है।
- ये गुफाएं अपनी प्रस्तर मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है
उदयगिरि की गुफाएँ की संरचना
उदयगिरि की गुफाएँ (Udayagiri Caves) कुल 20 गुफाओं से मिलकर बनी हुई एक प्राचीन संरचना है,जो उदयगिरि की पहाड़ियों में विस्तृत रूप से फैली हुई है।यह गुफाएँ हिंदू धर्म और जैन धर्म से संबंधित है।गुफा क्रमांक 1 एवं गुफा क्रमांक 20 को जैन गुफा कहते है,जो जैन धर्म से संबंधित है।गुफा क्रमांक 2 से गुफा क्रमांक 19 तक की सभी शेष गुफाएं हिंदू धर्म से संबंधित हैं।इन गुफाओं में भारत के कुछ प्राचीनतम हिंदू मंदिर एवं चित्र संरक्षित हैं । इन 20 गुफाओं का विस्तार पूर्वक अध्ययन हम करेंगे:-
गुफा क्रमांक - 1
गुफा क्रमांक 1 जैन धर्म से संबंधित है इस गुफा को सूरज गुफा के नाम से जाना जाता है।
- यह गुफा दक्षिण दिशा में स्थित है।
- इसकी छत चट्टान के प्राकृतिक किनारे से एकीकृत की हुई है।
- इस गुफा का निर्माण की तिगावा के समान किया गया है।
- इस गुफा में 7 फीट का एक मंडप भी है और एक गर्भग्रह 7x6 फीट का है।
- इस गुफा की पीछे की दीवार पर उकेरी हुई एक देवता की मूर्ति स्थित है जो अब क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
- इस गुफा में वेत्रवती नदी,सांची स्तूप तथा रायसेन के किले की आकृतियां उकेरी गई है।
गुफा क्रमांक - 2
गुफा क्रमांक 2 हिंदू धर्म से संबंधित है,जो गुफा क्रमांक 1 के उत्तर दिशा में स्थित है।
- इस गुफा के सामने की दीवार क्षतिग्रस्त अवस्था में हो चुकी है।
- यह गुफा 48 वर्ग फुट के क्षेत्र में निर्मित है।
- यह गुफा 7 फीट 11 इंच लंबी और 6 फीट 1.5 इंच चौड़ी है।
गुफा क्रमांक - 3
उदयगिरि की गुफाएँ की गुफा क्रमांक तीन हिंदू धर्म से संबंधित है।
- इस गुफा में एक प्रवेश द्वार एवं एक गर्भ ग्रह है।
- इस गुफा को स्कंद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
- यह गुफा 86 फीट चौड़ा और 6 फीट 3 इंच गहरी है।
- इस गुफा में स्थित पांच मूर्तियों में से कुछ मूर्तियां चतुर्मुखी है और वनमाला धारण किए हुए हैं
गुफा क्रमांक - 4
गुफा क्रमांक 4 हिंदू धर्म से ही संबंधित है।यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है और यह गुफा शिव और शक्ति दोनों से संबंधित है।
- इस गुफा को वीणा गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस गुफा का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है।
- इसमें एक मुख शिवलिंग स्थित है,इस शिवलिंग पर एक चेहरा उकरा हुआ है।
- इस गुफा के प्रवेश द्वार पर एक मनुष्य वीणा वादन में व्यस्त दर्शाया गया है।
- इस गुफा को बीन की गुफा भी कहते हैं।
- यह गुफा 13 फीट 11 इंच लंबी है और 11 फीट 8 इंच जोड़ी है।
गुफा क्रमांक - 5
गुफा क्रमांक 5 भी हिंदू धर्म से संबंधित है इस गुफा को वराह गुफा भी कहते हैं।इन सभी गुफाओं में गुफा 5 सबसे प्रमुख एवं प्रसिद्ध है।
- यह गुफा भगवान विष्णु जी को समर्पित है।
- यह गुफा भगवान विष्णु की प्राचीन स्मारक या प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
- इस गुफा में भगवान विष्णु को वराह अवतार की प्रतिमा स्थित है।
- इस गुफा में विष्णु जी के नर और वराहा रूप में दर्शाया गया है और उनका बायां पांव नागराज के सिर पर दिखाया गया है।
- यह गुफा 22 फीट लंबी और 12 फीट 8 इंच ऊंची है।
गुफा क्रमांक - 6
गुफा 6 गुफा क्रमांक 5 के बगल में ही स्थित है और यह गुफा हिंदू धर्म से संबंधित है इस गुफा का प्रवेश द्वार टी आकार का है जो गर्भग्रह तक जाता है।
- इस गुफा के अंदर दुर्गा मां की प्रतिमा स्थित है।
- इस गुफा के प्रवेश द्वार के बाएं दिशा में एक हाथ में मोदक पकड़े हुए भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित है ।
- इस गुफा में हिंदू देवी देवताओं को भी दर्शाया गया है।
- गुफा के बाहर एक शिलालेख है जिसमें गुप्त वर्ष 82 (401 ई,) का उल्लेख है जो यह दर्शाता है कि गुप्त नरेश चंद्रगुप्त द्वितीय और उनके मंत्री वीरसेन ने इस गुफा का भ्रमण किया था।
- इस गुफा के दरवाजे के बाहर दो द्वारपाल दो विष्णु एक गणेश जी और एक महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति स्थापित है।
गुफा क्रमांक - 7
गुफा क्रमांक 7 पूर्व दिशा में स्थित गुफा 6 के कुछ ही दूरी पर स्थित है यह गुफा सबसे बड़ी गुफा है जिसमें 8 देवी देवताओं की क्षतिग्रस्त आकृतियां है और यह आकृतियां गुफा के पीछे की दीवार पर उकेरी गई हैं।
- इस गुफा में कार्तिकेय और गणेश जी के कटे-फटे आकृतियां नीचे से घिरी हुई हैं।
- इस गुफा में अब सिर्फ दो द्वारपालो के चिह्न अवशिष्ठ बचे हुए हैं।
- इस गुफा को शेव गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस गुफा को तवा गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह गुफा 14 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी है।
- इस गुफा में महत्वपूर्ण शिलालेख भी हैं ।
- इस गुफा की पीछे की दीवार पर पांचवी शताब्दी के प्रसिद्ध संस्कृत अभिलेख या शिलालेख भी हैं जो गुप्त नरेश चंद्रगुप्त द्वितीय और उनके मंत्री वीरसेन की यात्रा का उल्लेख करते हैं।
- इस गुफा को वैष्णव गुफा भी कहते हैं ।
- इस गुफा में भगवान विष्णु जी की मूर्ति बनाई गई है। और बाहर दो द्वारपाल भी बनाए गए हैं जिनका अब कोई अवशेष नहीं बचा है ।
- इस 12 वीं गुफा का नाम वैष्णव गुफा है।
- इस मूर्ति में विष्णु जी के पैरों के नीचे दो आदमी की आकृति हैं एक आदमी की आकृति जो घुटने टेके हुए नमस्ते की मुद्रा में है और और दूसरे आदमी की आकृति पीछे की और खड़ी हुई है ऐसा माना जाता है कि घुटने टेकने वाली आकृति चंद्रगुप्त द्वितीय की है और दूसरी आकृति उनके मंत्री वीरसेन की है यह सिर्फ अनुमान है इसका कोई प्रमाण नहीं है।
- इस गुफा का मुख उत्तर दिशा की ओर है ।
- इस गुफा के सामने से पहाड़ी के ऊपर जाने का मुख्य मार्ग है ।
- यह गुफा शेषशायी विष्णु जी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है ।
- इस गुफा में विष्णु जी की मूर्ति की लंबाई 12 फीट है मूर्ति पर फारसी मुकुट गले में हार भुज बंद वह हाथों में कंगन है
- इस गुफा के बाएं दिशा में एक द्वारपाल है।
- इस गुफा के बाई और गणेश छवि की आकृति उकेरी गई है।
- गुफा के प्रवेश द्वार के दाई और महिषासुरमर्दिनी रूप में दुर्गा के साथ एक आला है ।
- यह गुफा चार सशस्त्र गणेश जी की मूर्ति के लिए जानी जाती है उनके साथ एक भक्त भी है जिसे केले का पौधा ले जाते हुए दर्शाया गया है।
- इस गुफा के बाहर दो द्वारपाल हैं और गणेश जी की मूर्ति स्थित है और महिषासुरमर्दिनी की एक मूर्ति भी स्थित है।
- इस गुफा में 8 फीट ऊंचे स्तंभ है।
- इस गुफा में एक शिवलिंग स्थित है।
- इस गुफा की छत पर एक कमल की आकृति बनी हुई है।
- गुफा के बाहर दो द्वारपाल की आकृति बनी हुई है और ऊपर की ओर समुद्र मंथन की आकृति बनाई गई है।
- यह गुफा उदय गिरि की पहाड़ियों के उत्तर पश्चिम छोर पर स्थित है।
- गुफा के प्रवेश द्वार पर एक सर्प हुड के नीचे बैठे जैन तीर्थकर की छवि उकेरी गई है।
- इस गुफा को पांच आयताकार कमरों में विभाजित किया गया है।
उदयगिरि की गुफाओं के महत्वपूर्ण तथ्य
- उदयगिरि की गुफाएँ मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।
- यह गुफाएँ मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा जिले में हैं।
- यहां कुल 20 गुफाएँ हैं।
- यह गुफाएँ हिंदू धर्म और जैन धर्म से संबंधित है।
- इन गुफाओं का इतिहास यह बताता है कि यह गुफाएँ चौथी एवं पांचवी शताब्दी के गुप्त काल की है।
- उदयगिरी गुफाओं का निर्माण चौथी शताब्दी मैं चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में किया गया था।
- उदयगिरि शिलालेख के अंतर्गत जो शिलालेख प्राप्त हुए हैं वह चंद्रगुप्त द्वितीय एवं कुमारगुप्त प्रथम के शासनकाल से संबंधित गुप्त वंश के महत्वपूर्ण शिलालेख हैं।
- इस गुफाओं में प्राप्त शिलालेख गुप्तकालीन है।
- इन गुफा की खोज 1870 में अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी ।
- उदयगिरि की गुफाएँ भारत के कुछ प्राचीनतम हिंदू मंदिर और चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।
- यह गुफाएँ हिंदू और जैन मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है यह गुफाएं उदयगिरि की पहाड़ियों पर स्थित है।