पन्ना राष्ट्रीय उद्यान | मध्य प्रदेश
आज इस लेख में हम पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने जा रहे है
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना और छतरपुर जिले में स्थित है।यह मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है।इस राष्ट्रीय उद्यान को पन्ना टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है।यह राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व विंध्याचल पर्वत या विंध्याचल रेंज में स्थित है।(पन्ना टाइगर रिजर्व) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी।पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल (542.67) 543 वर्ग किलोमीटर है।इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1994 में प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व ( बाघ संरक्षित परियोजना) घोषित किया गया था। केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बीच में बहती है,और वास्तव में केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा है।यह राष्ट्रीय उद्यान भारत का 22 वां बाघ अभ्यारण है,और मध्य प्रदेश राज्य का पांचवा बाघ अभयारण्य है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना और छतरपुर जिले में स्थित है,और यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य के उत्तर दिशा में पन्ना और छतरपुर जिले में विस्तृत रूप से फैला हुआ है।इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी।इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल (542.67) 543 वर्ग किलोमीटर है।इस राष्ट्रीय उद्यान(Panna National Park) को पन्ना टाइगर रिजर्व(Panna Tiger Reserve) भी कहा जाता है।यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है,जो खजुराहो से 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1994 में प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। इस राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य निम्नानुसार है:-
- यह राष्ट्रीय उद्यान भारत का 22 वां (टाइगर रिजर्व) बाघ अभ्यारण और मध्य प्रदेश राज्य का पांचवा (टाइगर रिजर्व) बाघ अभ्यारण है।
- वर्ष 1981 में इस राष्ट्रीय उद्यान को एक वन्य जीव अभ्यारण के रूप में घोषित किया गया था।
- यह राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व विंध्याचल पर्वत या विंध्याचल रेंज में स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को दिनांक 25 अगस्त 2011 में बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित भी किया गया था ।
- वर्ष 2007 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत का सर्वश्रेष्ठ रखरखाव करने वाला राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया जा चुका है ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को भारत का दूसरा सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान माना गया है ।
- केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
- केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बीच में बहती है ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा के केन नदी है ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्रों को तीन प्रमुख क्षेत्रों में या भौगोलिक दशाओं में विभाजित किया गया है (1)ताडोबा उत्तर क्षेत्र (2)मोरहुली क्षेत्र (3)कोलसा दक्षिण रेंज क्षेत्र ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में तीन जल स्त्रोत पाए गए हैं (1)ताडोबा नदी.(2) ताडोबा झील (3)कोलसा झील
- इस राष्ट्रीय उद्यान के वन मंडल के क्षेत्रों को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है ,(1)कोर क्षेत्र .(2)बफर क्षेत्र. कोर क्षेत्र के अंतर्गत 576.13 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आता है बफर क्षेत्र के अंतर्गत 1021.97 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आता है।
- गाथा जलप्रपात और पांडव जलप्रपात पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में केन नदी प्रवाहित होती है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जहां पर रेप्टाइल पार्क( केन घड़ियाल अभयारण्य) स्थित है।
- वर्ष 2011 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र को मध्यप्रदेश का तीसरा और भारत का 18 वां बायोस्फीयर रिजर्व( जैव विविधता संरक्षित या आरक्षित क्षेत्र) घोषित किया जा चुका है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर एवं राजकीय पक्षी शाही बुलबुल का संरक्षण किया जाता है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले 6 प्रजातियों के गिद्धों का भी संरक्षण किया जाता है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में प्रागैतिहासिक काल के शैल चित्र पाए गए हैं।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना पन्ना राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित है क्योंकि केन-बेतवा लिंक परियोजना इस राष्ट्रीय उद्यान से होकर जाती है इस राष्ट्रीय उद्यान का 30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र केन बेतवा लिंक के कारण धूब में चला गया था।
- सर्वाधिक आंवला उत्पादन पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में ही होता है।
- गाथा जलप्रपात और पांडव जलप्रपात किस राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है।
- वर्ष 2017 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में गिद्धों की गणना की गई।
- केन घड़ियाल अभ्यारण पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में ही स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में जंगली भैंसे का संरक्षण किया जाता है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को राष्ट्रीय उद्यानों का रत्न कहते हैं
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी वर्ष 1975 में यह राष्ट्रीय उद्यान पहले गंगऊ वन्य जीव अभ्यारण के क्षेत्रों के अंतर्गत था। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1981 में इस गंगऊ वन्य जीव अभ्यारण के नाम को बदलकर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल (542.67) 543 वर्ग किलोमीटर है।यह राष्ट्रीय उद्यान या टाइगर रिजर्व भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना और छतरपुर जिले में 543 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत रूप से फैला हुआ है।इस राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्रफल का विस्तार मध्यप्रदेश राज्य के उत्तरी क्षेत्र में पन्ना और छतरपुर जिले में फैला हुआ है। यह राष्ट्रीय उद्यान की ऊंचाई समुद्र तल से 212 मीटर से 338 मीटर तक की है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास यह बताता है कि वर्ष 1975 में इस राष्ट्रीय उद्यान को बनाने के लिए पहले गंगऊ वन्य जीव अभ्यारण के क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया था। तत्पश्चात पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी। इस राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत पन्ना जिले के संरक्षित वन और छतरपुर जिले के कुछ संरक्षित वन पहले पन्ना छतरपुर और बिजवार रियासतों के शासकों के शिकारगाह हुआ करते थे।वर्ष 1975 की अवधि में पन्ना जिले के उत्तरी वन संभाग के संरक्षित वनों के क्षेत्रों एवं दक्षिण वन संभाग के संरक्षित वनों के क्षेत्रों को सम्मिलित करके एक गंगऊ वन्य जीव अभ्यारण का निर्माण किया गया था,और कुछ वर्षों बाद छतरपुर जिले के वन संभाग के कुछ संरक्षित वनों के क्षेत्रों को गंगऊ वन्यजीव अभयारण्य में शामिल कर लिया गया था।वर्ष 1981 में इस गंगऊ वन्य जीव अभ्यारण के नाम को बदलकर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया था।पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी।वर्ष 1994 में इस राष्ट्रीय उद्यान को बाघ संरक्षित परियोजना क्षेत्र या प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया था यह भारत देश का 22 वां बाघ संरक्षित परियोजना है,और मध्यप्रदेश राज्य का पांचवा भाग संरक्षित परियोजना है।पन्ना जिले में इस राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य रूप से तीन प्रमुख हिस्से हैं (1)ऊपरी तालगांव पठार (2)मध्य हिनौता पठार (3)केन नदी की घाटी। और छतरपुर जिले में इस राष्ट्रीय उद्यान के हिस्से में आकर्षक पहाड़ियों की श्रंखला है।वन्य प्राणियों एवं वन्यजीवों के लिए यह राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व एक उत्तम और अनुकूल रहवास है।इस राष्ट्रीय उद्यान या टाइगर रिजर्व में घास के मैदान हैं,और जगह-जगह पर गुफाएं एवं घने जंगल हैं,जो वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त रहवास का क्षेत्र है।केन नदी,पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बीच में बहती है।इस राष्ट्रीय उद्यान में केन नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर है।केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान में उत्तर दिशा में बहती है।केन नदी वास्तव में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा है ।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत का दूसरा सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना छतरपुर जिले मैं स्थित है को संपन्न जैव विविधता के कारण इस राष्ट्रीय उद्यान को भारत का दूसरा सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है।इस राष्ट्रीय उद्यान की तुलना राजस्थान राज्य में स्थित सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से की जाती है तुलना करने के मुख्य आधार निम्नलिखित हैं:-
- संपन्न जैव विविधता के कारण इस राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाधिक चिंकारा पाया जाना।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में 64 बाघों की उपस्थिति के कारण
- इस राष्ट्रीय उद्यान में शीत ऋतु में ठंड के समय 200 से भी अधिक प्रवासी पक्षियों का आगमन होने के कारण ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले 6 प्रजातियों के गिद्धों के संरक्षण के कारण ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले जंगली भैंसे के संरक्षण के कारण
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना टाइगर रिजर्व) मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना टाइगर रिजर्व ) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना और छतरपुर जिले में स्थित है।यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उत्तर में पन्ना और छतरपुर जिले में (542.67) 543 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में स्थित हे एवं विस्तृत रूप से फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1994 में प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हुआ यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का पांचवा बाघ अभ्यारण्य है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा है केन नदी
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में केन नदी प्रवाहित होती है यह नदी इस राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहती है केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान में उत्तर दिशा में बहती है या प्रवाहित होती है केन नदी वास्तव में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा है इस नदी के द्वारा दो मनमोहक और सुंदर जलप्रपात का निर्माण किया जाता है गाथा जलप्रपात और पांडव जलप्रपात। यह राष्ट्रीय उद्यान केन नदी के तट पर है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
पन्ना टाइगर उद्यान को अपने संपन्न जैव विविधता के कारण वर्ष 1994 में भारत सरकार द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया, जिसे वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है।पन्ना राष्ट्रीय उद्यान,भारत देश का 22 वां प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व है,और मध्य प्रदेश का पांचवा प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व है
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया क्योंकि बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर और सराहनीय एवं बेहतर प्रबंधन के कार्य करने के लिए इस राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व को दिनांक 25 अगस्त 2011 को यूनेस्को (United Nations Educational Scientific and Cultural Organisation - UNESCO) के द्वारा "वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिसर्च" सूची में शामिल किया गया है या नामित किया गया है।केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC) द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व को वर्ष 2011 में बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किया या के रूप में अधिसूचित किया गया था।वर्ष 2020 में यूनेस्को द्वारा इसे मैन एंड बायोस्फियर प्रोग्राम (MAB) में शामिल किया गया और पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को ने अपने मैन एंड बायोस्फीयर प्रोग्राम का हिस्सा बनाया है।पन्ना टाइगर रिजर्व भारत का 22वां बाघ अभयारण्य है।वर्ष 1994 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उद्यान को पन्ना टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित की दिया था।पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व (PBR)(Panna Biosphere Reserve) पचमढ़ी और अमरकंटक के बाद बायोस्फीयर रिज़र्व सूची में शामिल होने वाला मध्य प्रदेश का तीसरा रिज़र्व है।पन्ना नेशनल पार्क को वर्ष 1994 में भारत के 22वें बाघ अभयारण्य के रूप में प्रोजेक्ट टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना टाइगर रिजर्व) में कितने शेर हैं
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व में वन मंडल के द्वारा की गई गणना के अनुसार पहले 30 से 56 शेरों की गणना की गई थी।परंतु वर्ष 2011 में बाघों की गणना की गई जिसमें 64 शेरों की गणना की गई और यह बताया गया कि इस राष्ट्रीय उद्यान में 64 शेरों का निवास स्थान है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की विशेषताएं
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की विशेषताएं निम्न अनुसार है:-
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 56 से 64 बाघों का निवास स्थान है ।
- पन्ना टाइगर प्रोजेक्ट या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तरी मध्य प्रदेश राज्य की विंध्याचल पर्वत या विंध्याचल पहाड़ियों या विंध्याचल रेंज में स्थित है ।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में भंगुर पत्तझड़ी वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में बहुविध पत्तझड़ी वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में शुष्क पत्तझड़ी वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में शुष्क सागोन वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में शुष्क पत्तझड़ी झाडदार वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सलई वन पाए जाते हैं।
- किस राष्ट्रीय उद्यान में करधाई वन पाए जाते हैं।
- किस राष्ट्रीय उद्यान में विविध शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं।
- यह राष्ट्रीय उद्यान सम्मोहित करने वाले जलप्रपातों का स्थान है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान एक पुरातात्विक स्थल या स्थान है।
- केन केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान के बीच में बहती है।
- उत्तर मध्य भारत के बाघों का सर्वाधिक सुरक्षित स्थान पन्ना राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व है।
- बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर और सराहनीय एवं बेहतर प्रबंधन के कार्य करने के लिए पन्ना राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व को दिनांक 25 अगस्त 2011 को यूनेस्को के द्वारा "वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिसर्च" सूची में शामिल किया गया है या नामित किया गया है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को भारत का दूसरा सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है ( क्योंकि राजस्थान में स्थित सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से इस राष्ट्रीय उद्यान की तुलना की जाती है क्योंकि शीत ऋतु में ठंड आती है तो पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है)
- केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में रेप्टाइल पार्क भी विकसित किया जा रहा है ।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में उत्तर दिशा में बहती है।
- वर्ष 1994 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को बाघ संरक्षित परियोजना प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
- यह राष्ट्रीय उद्यान भारत देश का 22 वां प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व है,और मध्य प्रदेश का पांचवा प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में कई ऐतिहासिक महत्व के पुरातात्विक स्थल हैं,जिनमें नवपाषाण काल के पत्थर के चित्र भी हैं जिसके कारण या राष्ट्रीय उद्यान नवपाषाण युग या काल के कई ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है ।
- 30 जुलाई 2021 को पन्ना राष्ट्रीय उद्यान या पन्ना टाइगर रिजर्व को बाघ संरक्षण और प्रबंधन के लिए स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा "कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड"प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है ।
- पन्ना टाइगर रिजर्व या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है ।
- यह राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पर्वत की उत्तरी दिशा में स्थित है
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति की प्रमुख प्रजातियां निम्नानुसार है:-
- सागौन
- बाँस
- बोसवेलिया
- तेंदू
- महुआ
- अचार
- गुंजा
- करधई
- धानोरा
- सलई
- खैर
- बेल
- पलाश
- अर्जुन
- साजा
- अमलतास
- आंवला
- कुल्लू कढ़ाई
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्य प्राणी या जीव-जंतु
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मेंविभिन्न प्रकार की दुर्लभ प्रजातियां और लुप्त प्रजातियां पाई जाती है इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्य प्राणी या जीव-जंतु निम्नानुसार हैं:-
- बाघ
- तेंदुआ
- चीतल
- चिंकारा
- नीलगाय
- सांभर
- भालू
- जंगली बिल्ली
- चित्तीदार बिल्ली
- लकड़बग्घा
- जंगली कुत्ते
- भेड़िए
- सियार
- रिछ
- चित्तीदार हिरण या चीतल
- ब्लू बुल या नीलगाय
- फोरहोर्नड एंडीलोप या चौसंगा
- सेही
- भारतीय गोह
- भारतीय अजगर
- कोबरा
- घड़ियाल
- मगरमच्छ
- लंगूर
- जंगली सूअर
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षियां
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 200 से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के पक्षियां निम्नानुसार है:-
- लाल सिर वाला गिद्ध
- बार हेडेड हंस
- हनी बुजाई
- भारतीय गीत इस उद्यान में गिद्ध की 6 प्रजातियां पाई जाती हैं।
- बगुला (अंधा भोग गुलबदना)
- फाख्ता
- मोर मोरनी
- बटेर
- तीतर
- टुईयां तोता
- टिटहरी
- मलहत मोखिया
- शक्करखोरा
- कलचिड़ी
- दयाल
- रोबिन लटूर
- पील कोलवाल
- देसी तोता
- डोगरा
- चील
- भट
- नीलकंठ नवरंग
- पवई मैना
- रूफस कठफोड़वा
- फ्लाई कैचर
- हिमालय गिद्ध
- ओरिएंटल हनी बजाई
- सफेद गर्दन वाला सारस
- भारतीय ग्रे हॉर्नबिल
- भारतीय कोर्सर
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन निम्न अनुसार हैं:-
- उष्णकटिबंधीय वन
- शुष्क पर्णपाती वन
- शुष्क पतझड़ी वन
- शुष्क सागौन वन
- शुष्क पतझड़ी झाड़दार वन
- सलई वन
- करधई वन
- बहुविद पतझड़ी वन
- भंगूर पतझड़ी वन