राज्य निर्वाचन आयोग | संरचना | गठन
राज्य निर्वाचन आयोग की संरचना एवं गठन :- आज के इस लेख में जिसका शीर्षक है "राज्य निर्वाचन आयोग की संरचना एवं गठन" की विस्तार पर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे और यह जान पाएंगे कि 73 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारत देश के प्रत्येक राज्यों के लिए एक राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई या गठन किया गया। और आयोग में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की गई।
भारत के सभी राज्यों में होने वाले पंचायत चुनाव एवं नगर निगम नगर पालिका चुनाव ,नगर परिषद चुनाव ,के चुनाव को संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है । राज्यों में होने वाले पंचायत चुनावों एवं नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों के चुनाव को संपन्न कराने की की जिम्मेदारी है राज्य निर्वाचन आयोग की होती है।
73 वां और 74 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारत देश के प्रत्येक राज्यों के लिए एक राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई या गठन किया गया। 73 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना राजपाल के द्वारा होगी ताकि यह आयोग पंचायतों नगर निकायों नगर पालिकाओं नगर परिषदों के निष्पक्ष निर्वाचन या चुनाव की निगरानी निर्देशन एवं नियंत्रण कर सकें।
73 वां और 74 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ZA (य क) और 243 K (ट) के अनुसार यह राज्य निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी होगी कि वह पंचायतो, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों के सभी निर्वाचन या चुनावों के संचालन से संबंधित अधीक्षण निर्देशन एवं नियंत्रण करें।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ZA (य क) में यह प्रावधान है कि नगरपालिकाओं के लिये कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का अधिकार और उन सभी निर्वाचनों या चुनाव के संचालन का अधीक्षण ,निदेशन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 243 K (ट) के अन्तर्गत गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा।
भारत देश के सभी राज्यों में राज्य निर्वाचन आयोग का गठन एक सदस्य संरचना के रूप में ही होता है। जिसमें राज्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाती है।भारत देश मे सभी राज्यों में निर्वाचन आयोग का नेतृत्व राज्य निर्वाचन आयुक्त करता है।
और राज्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयोग का अध्यक्ष होता है ।कुछ राज्यों में उप निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के प्रावधान भी हैं,जैसे पंजाब राज्य में अधिकांश राज्यों में एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक सेवाक या एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को ही निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता है।
राज्य निर्वाचन आयोग की संरचना
राज्य निर्वाचन आयुक्त
राज्य निर्वाचन आयुक्त के संबंध में निम्न उपबंध राज्य के राज्यपाल के द्वारा सरकारी राजपत्र की अधिसूचना में उल्लेखित किए गए है जो निम्नानुसार हैं।
- राज्य सरकार के अधिकारी की नियुक्ति करता है जिसकी उम्र 55 वर्ष से कम ना हो और वित्तीय आयुक्त के रैंक का अधिकारी हो या राज्य सरकार का प्रमुख सचिव हो जो न्यूनतम 2 वर्ष की सेवा कर चुका हो।
- राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में उच्च न्यायालय के सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को नियुक्त करता है
उप निर्वाचन आयुक्त
राज्य सरकार इस अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत कर्तव्यों के निर्वाहन में निर्वाचन आयुक्त की सहायता के लिए एक या एक से अधिक उप निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर सकता है।
सचिव
राज्य सरकार द्वारा अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत कर्तव्यों के निर्वाहन के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त की सहायता के लिए सचिव की नियुक्ति कर सकता है।
अन्य निर्वाचन अधिकारी
राज्य निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त की सहायता के लिए निम्न अन्य निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति राज्य सरकार के द्वारा की जाती है।
- जिला निर्वाचन अधिकारी
- निर्वाचक या निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी
- रिटर्निंग अधिकारी
- मतदान केंद्र अधिकारी और पीठासीन अधिकारी
1.जिला निर्वाचन अधिकारी
राज्य निर्वाचन आयोग राज्य के प्रत्येक जिले के लिए एक जिला निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति करता है। जिला निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण निर्देशन एवं नियंत्रण के अधीन कार्य करता है। जिला निर्वाचन अधिकारी जिले में सभी निर्वाचन या चुनाव की भूमिकाओं की तैयारी करता है संशोधन एवं सुधारों की निगरानी करता है। जिला निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए कार्यों का संचालन करता है।
2. निर्वाचक या निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी
राज्य के प्रत्येक जिले की पंचायत या नगरपालिका के लिए निर्वाचक नामावली की तैयारी करना एवं निर्वाचक नामावली में संशोधन करने का कार्य निर्वाचक का पंजीकरण अधिकारी के द्वारा किया जाता है। एक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी पंचायत और नगर पालिकाओं के लिए निर्वाचक नामावली तैयार करने एवं उसमें संशोधन करने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करता है।
3.रिटर्निंग अधिकारी
रिटर्निंग अधिकारी राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन या चुनाव के लिए एक पंचायत या नगरपालिका में एक सीट या एक से अधिक सीटें भरने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य सरकार के परामर्श करने या करके राज्य के अथवा स्थानीय प्राधिकरण के एक अधिकारी को रिटर्निग अधिकारी के रूप में नियुक्त करता है।
4.मतदान केंद्र अधिकारी और पीठासीन अधिकारी
राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्रों में के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी अपने क्षेत्र अधिकार में पर्याप्त संख्या में मतदान केंद्र प्रदान करता है, और साथ ही प्रत्येक मतदान केंद्रों को दर्शाने वाली एक सूची का प्रकाशन भी करता है जिसमें मतदान केंद्रों तथा मतदान क्षेत्रों या मतदाताओं के समूह की सूची होती है जिला निर्वाचन अधिकारी प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए एक पीठासीन अधिकारी नियुक्त करता है, और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति करता है।