राज्य निर्वाचन आयोग की प्रस्तावना
आज के इस लेख में हम राज्य निर्वाचन आयोग की प्रस्तावना के टॉपिक पर चर्चा करेंगे ।राज्य निर्वाचन आयोग की प्रस्तावना के अंतर्गत राज्य निर्वाचन आयोग का गठन एवं संरचना पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।राज्य निर्वाचन आयोग का गठन भारतीय संविधान अनुच्छेद 324 के अंतर्गत किया गया है। सरल शब्दों में यह कह सकते हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग राज्यों में होने वाले पंचायत चुनाव,नगर निगम ,नगर पालिका चुनाव ,नगर परिषद चुनाव को संपन्न कराने के लिए गठन किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग की प्रस्तावना में आज हम राज्य निर्वाचन आयोग के गठन के अतिरिक्त 73 वाँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 एवं 74 वाँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के विषय पर भी चर्चा करेंगे। 73 वाँ एवं 74वांँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत ही भारत के सभी राज्यों में मुक्त,निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव या निर्वाचन का संचालन के लिए एक स्वतंत्र राज्य निर्वाचन आयोग के गठन का भी प्रावधान किया गया ।राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना एवं गठन की व्यवस्था की गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग का गठन
भारत देश की लोकतांत्रिक राजनीति की सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक विशेषता , मुक्त,निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव या निर्वाचन का संचालन कराना है।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान या उपबंध उल्लेख हैं
- भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का निर्वाचन या चुनाव,
- लोकसभा और राज्यसभा का निर्वाचन या चुनाव,
- राज्य विधान मंडल या सभा का निर्वाचन या चुनाव.
- विधान परिषद का निर्वाचन या चुनाव.
ऊपर उल्लेखित बिंदु क्रमांक 1, 2, 3, 4, के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचन या चुनाव के लिए एक स्वतंत्र निर्वाचन आयोग के गठन का प्रावधान किया गया। उसी तरह ही 73 वांँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वांँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत मुक्त,निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव या निर्वाचन का संचालन के लिए एक स्वतंत्र राज्य निर्वाचन आयोग के गठन का भी प्रावधान किया गया है।
यह राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय निकायों जैसे पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर निगम, नगर परिषदों के निष्पक्ष चुनाव या निर्वाचन के संचालन का अधीक्षण ,निदेशन और नियंत्रण का अधिकार रखता है।भारत देश के सभी राज्यों में स्थानीय सरकार द्वारा लोकतंत्र की स्थापना के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गई है।
सरल शब्दों में यह कह सकते हैं कि भारत के सभी राज्यों में होने वाले पंचायत चुनाव एवं नगर निगम नगर पालिका चुनाव ,नगर परिषद चुनाव ,के चुनाव को संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है ।राज्यों में होने वाले पंचायत चुनावों एवं नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों के चुनाव को संपन्न कराने की की जिम्मेदारी है राज्य निर्वाचन आयोग की होती है।
73 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वांँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारत देश के प्रत्येक राज्यों के लिए एक राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई या गठन किया गया। 73 वांँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना राजपाल के द्वारा होगी ताकि यह आयोग पंचायतों नगर निकायों नगर पालिकाओं नगर परिषदों के निष्पक्ष निर्वाचन या चुनाव की निगरानी निर्देशन एवं नियंत्रण कर सकें।
73 वाँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 और 74 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ZA (य क) और 243 K (ट) के अनुसार यह राज्य निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी होगी कि वह पंचायतो, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों के सभी निर्वाचन या चुनावों के संचालन से संबंधित अधीक्षण निर्देशन एवं नियंत्रण करें।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ZA (य क) में यह प्रावधान है कि नगरपालिकाओं के लिये कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का अधिकार और उन सभी निर्वाचनों या चुनाव के संचालन का अधीक्षण ,निदेशन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 243 K (ट) के अन्तर्गत गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 K (ट) के अनुसार राज्य निर्वाचन आयेग में राज्यपाल द्वारा नियुक्त एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होगा ।
- राज्य निर्वाचन आयुक्त को उसके पद से उसी रीति या प्रक्रिया से और उन्हीं आधारों पर हटाया जा सकेगा जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के मामले में निर्धारित है।
- राज्य निर्वाचन आयुक्त की सेवा शर्तों में नियुक्ति के पश्चात् उसके लिए अलाभकारी परिवर्तन नहीं किए जायेंगे ।
- यह भी उपबन्ध है कि जब राज्य निर्वाचन आयोग ऐसे अनुरोध करे तब उसे अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए राज्यपाल द्वारा आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध कराये जाएँगे ।
भारतीय संविधान में प्रावधान 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992
73 वाँ भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान या उपबंध सम्मिलित हैं
- 73 वे संविधान संशोधन द्वारा पंचायतीराज या पंचायत से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
- 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत संविधान में भाग 9 एवं 11 वीं अनुसूची जोड़ी गई जिसके अंतर्गत पंचायत से संबंधित प्रावधान अनुच्छेद 243 - 243 ण (O) किए गए ।
- 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 "ट" या "K" पंचायतों के लिए निर्वाचन का प्रावधान करता है।
भारतीय संविधान में प्रावधान 74वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992
भारतीय संविधान में प्रावधान 74वांँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान या उपबंध सम्मिलित किए गए हैं
- 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से नगरी निकाय से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
- 74वांँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत संविधान में नया भाग 9 "क" 12वीं अनुसूची जोड़ी गई जिसके अंतर्गत नगर पालिका नगर निगम और नगर परिषदों से संबंधित प्रावधान अनुच्छेद 243 "त" से 243 य घ किए गए।
- 74वांँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के अंतर्गत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 य क 243 - ZA
- नगर पालिकाओं के चुनाव या निर्वाचन का प्रावधान करता है।