मध्य प्रदेश की नदी - शक्कर नदी
नमस्कार दोस्तों ,मैं राजेंद्र ठाकुर एक बार फिर से gainknowlege.com पर आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं । दोस्तों आज मेरे द्वारा इस Article,आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको मध्य प्रदेश की नदी - शक्कर नदी Topic के अंतर्गत शक्कर नदी की महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करा रहा हूं।
आज हम इस आर्टिकल में शक्कर नदी का उद्गम स्थान।शक्कर नदी पर कोटरा जलप्रपात.शक्कर नदी के तट पर कोटरा महादेव का मेला. संगनेश्वर मंदिर.कोटरा महादेवमंदिर.शक्कर नदी का मुहाना।शक्कर नदी पर बने हुए बांध। शक्कर नदी के तट पर प्रमुख मेले।शक्कर नदी के तट पर प्रमुख प्राचीन मंदिर।आदि विषयों पर चर्चा करेंगे।
मध्य प्रदेश की नदी | शक्कर नदी के टॉपिक पर प्रतिवर्ष प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं ।शक्कर नदी के टॉपिक पर महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी उपलब्ध करा रहा हूं।यह जानकारी Mppsc Pre/Prelims Exam के लिए महत्वपूर्ण एवं उपयोगी तो है लेकिन अन्य (Entrance Exam) प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण और उपयोगी है जैसे- SSC .UPSC .MP POLICE /SI. MP PATWARI EXAM .MP FOREST EXAM BANK EXAM.
RAILWAY EXAM etc.यह सामान्य ज्ञान (General Knowledge)की जानकारी आपके लिए उपयोगी एवं महत्वपूर्ण साबित होगी।
शक्कर नदी मध्य प्रदेश
शक्कर नदी का उद्गम स्थान मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले की अमरवाड़ा तहसील के समीप सतपुड़ा श्रेणी से निकलती है। शक्कर नदी उत्तर दिशा में बहते हुए नर्मदा नदी में मिल जाती है शक्कर नदी नर्मदा नदी की सहायक नदी है।शक्कर नदी नर्मदा के बाई ओर की सहायक नदी है शक्कर नदी का उद्गम स्थान छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से 18 किलोमीटर उत्तर से हुआ है।मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड हर्रई के ग्राम सुरलाखापा के पास स्थित ग्राम सुकरी से, शक्कर नदी का उद्गम हुआ है।
- शक्कर नदी अपने उद्गम स्थान से बहते हुए सतपुड़ा महाखंड कोयला क्षेत्र मैं बहते हुए अन्त में उत्तर दिशा में नर्मदा नदी में मिल जाती हैँ।
- नर्मदा नदी और शक्कर नदी के संगम पर संगनेश्वर मंदिर बना हुआ है।
- हरद नदी एवं शक्कर नदी के संगम पर,महाशिवरात्रि के अवसर पर कोटरा महादेव का मेला लगता है।मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड हर्रई के ग्राम कोटरा के पास छिंदवाड़ा की हरद नदी का संगम शक्कर नदी से होता है।यहां कोटरा में एक प्राकृतिक गुफा मंदिर है कोटरा महादेव मंदिर कहते हैं। जिसमें एक प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। और एक विशाल शिला पर एक जलप्रपात दर्शनीय है। जिसे कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल के नाम से जाना जाता है।
- शक्कर नदी 23.0°N 78.41°E की दिशा में बहती है। शक्कर नदी के तटीय शहर निम्न है पिपरिया , बरेली , सोहागपुर , गाडरवारा हैं ।
- शक्कर नदी, नर्मदा नदी की सहायक नदियों में से एक है।
- छिंदवाड़ा जिले की एक और दूसरी नदी सीतारेवा नदी का संगम शक्कर नदी मेंं होता है।
- छिंदवाड़ा जिले में शक्कर नदी लगभग 68 किलोमीटर बहती है।
- शक्कर नदी के कछार में कोयला की खान पाई गई है।
- कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल का निर्माण भी शक्कर नदी में ही होता है।
- शक्कर नदी मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड हर्रई के ग्राम सुरलाखापा के पास स्थित ग्राम सुकरी से निकलकर, दूल्हा देव पर्वत के उत्तर में बहती हुई, यह हर्रई के पश्चिम से उत्तर की ओर नरसिंहपुर जिले की सीमा में प्रवेश करती है।तत्पश्चात यह मध्य प्रदेश राज्य के गाडरवारा जिले के पहले छिंदवाड़ा जिले की एक और दूसरी नदी सीतारेवा नदी का संगम शक्कर नदी मेंं होता है। इसके पश्चात शक्कर नदी, गाडरवारा जिले से आगेेे बहती हुई नर्मदा नदी में मिल जाती है।
शक्कर नदी का उद्गम स्थान
शक्कर नदी का उद्गम स्थान मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले की अमरवाड़ा तहसील के समीप सतपुड़ा श्रेणी से निकलती है। शक्कर नदी का उद्गम छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से 18 किलोमीटर उत्तर से हुआ है।शक्कर नदी का उद्गम स्थान छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से 18 किलोमीटर उत्तर से हुआ है।मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड हर्रई के ग्राम सुरलाखापा के पास स्थित ग्राम सुकरी से, शक्कर नदी का उद्गम हुआ है।
शक्कर नदी कौन सी नदी की सहायक नदी है
"शक्कर नदी "नर्मदा नदी की सहायक नदी है।शक्कर नदी नर्मदा के बाई ओर की सहायक नदी है शक्कर नदी का उद्गम स्थान छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से 18 किलोमीटर उत्तर से हुआ है।मध्य प्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड हर्रई के ग्राम सुरलाखापा के पास स्थित ग्राम सुकरी से, शक्कर नदी का उद्गम हुआ है।
शक्कर नदी पर बने हुए जलप्रपात
कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल
कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल का निर्माण भी शक्कर नदी में ही होता है। कोटरा जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 40 से 50 फीट है। हरद नदी एवं शक्कर नदी के संगम पर, यहां कोटरा में एक प्राकृतिक गुफा मंदिर है। जहां शिवलिंग स्थापित है। यहां पर स्थित प्राचीन मंदिर को कोटरा महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है तथा एक विशाल शिला पर एक जलप्रपात स्थित है जो दर्शनीय है। जिसे कोटरा जलप्रपात/वाटरफाल के नाम से जाना जाता है।
शक्कर नदी के तट पर लगने वाले प्रमुख मेले
कोटरा महादेव का मेला
कोटरा महादेव का मेला महाशिवरात्रि के दिन नरसिंहपुर जिले और छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर लगता है ,और यह मेला लगभग 3 दिनों तक लगता है। कोटरा महादेव के महा शिवरात्रि मेले में दोनों जिलो की सीमा के आस पास के लगभग 40-50 गांव के ग्रामीण सम्मिलित होते हैं।
शक्कर नदी के तट पर या संगम पर प्राचीन मंदिर
संगनेश्वर मंदिर
भारत के मध्य प्रदेश राज्य मैं नर्मदा नदी और शक्कर नदी के संगम पर संगनेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है।संगम स्थल पर भगवान शिव का एक प्राचीन संगमेश्वर महादेव मंदिर भी स्थित है।
कोटरा महादेव मंदिर
भारत के मध्य प्रदेश राज्य मैं हरद नदी एवं शक्कर नदी के संगम पर कोटरा महादेव प्राचीन मंदिर स्थित है। प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के पर्व पर कोटरा महादेव का मेला लगता है।कोटरा महादेव का मेला महाशिवरात्रि के दिन नरसिंहपुर जिले और छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर लगता है।कोटरा महादेव के मेले में महाशिवरात्रि पर्व के दिन नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा जिले की सीमा के आस पास के लगभग 40-50 गांव के ग्रामीण सम्मिलित होते हैं।
शक्कर नदी पर बांध या बांध परियोजना को भी स्वीकृति दे दी गई है।
भारत के मध्य प्रदेश राज्य में नरसिंहपुर जिले मैं शक्कर नदी पर गाडरवारा के हथनापुर में बांध परियोजना को भी स्वीकृति दे दी गई है।शक्कर नदी पर बांध बनने से सैकड़ों गांव को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
शक्कर नदी के किनारे प्राचीन शैलचित्रों या शैलाश्रयों का खजाना प्राप्त हुआ है।
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील के के ग्राम बनेगी टोला मैं शक्कर नदी के किनारे प्राचीन शैलचित्रों या शैलाश्रय का खजाना प्राप्त हुआ है। शैल चित्रों के प्राप्त होने के बाद भोपाल पुरातत्व विभाग द्वारा बनेगी टोला में सर्वे कराया गया। पूर्व में भी ग्राम बनेगी टोला में शक्कर नदी के किनारे प्राचीन शैलचित्रों का सर्वे कराया गया था जिसमें सर्वे द्वारा पुरातत्वविद द्वारा यह शैल चित्र 2000 साल पहले के बताए गए थे लेकिन वर्तमान में जो 4 सेलाश्रय या शैल चित्र खोजे गए हैं। यह सेलाश्रय या शैल चित्र मध्य पाषाण और ताम्र पाषाण काल के बताए गए हैं। पुरातत्वविदो द्वारा यह बताया जा रहा है कि यह सेलाश्रय या शैल चित्र 7000 से 10000 साल पुराने हैं। यहां मिले 11 पाषाण कालीन उपकरण अस्त्र चाकू 4 सिडोनी पत्थर से निर्मित है। यहां गुफाओं में निम्नलिखित शैल चित्र प्राप्त हुए हैं
- मानव सभ्यता की कलाकृतियां उकेरी हुई है।
- घुड़सवारी करते हुए योद्धा का शैल चित्र
- युद्ध के चित्र
- पशुपालन का चलचित्र
- धार्मिक अनुष्ठान के चित्र
- पाषाण काल के युद्ध एवं शिकार के शैला चित्र
शक्कर नदी का मुहाना
शक्कर नदी का मुहाना नरसिंहपुर जिले में नर्मदा में मिल जाती है।शक्कर नदी उत्तर दिशा में बहते हुए नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी में मिल जाती है।