मध्य प्रदेश की नदी | वैनगंगा नदी
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आज हम इस आर्टिकल में वैनगंगा नदी के उद्गम स्थान। वैनगंगा नदी की लंबाई।वैनगंगा नदी की सहायक नदियां। वैनगंगा नदी के अन्य नाम।वैनगंगा नदी भारत के कौन-कौन से राज्यों में बहती है।वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश राज्य एवं महाराष्ट्र राज्य में कौन-कौन से जिलों में बहती है। वैनगंगा नदी पर बने हुए जलप्रपात। वैनगंगा नदी सिवनी जिले की जीवन रेखा। वैनगंगा नदी पर बने हुए बांध।वैनगंगा नदी का मुहाना।आदि विषयों पर चर्चा करेंगे।
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वैनगंगा नदी का विस्तारपूर्वक वर्णन
वैनगंगा नदी का उद्गम स्थान मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) परसवाड़ा सिवनी हैं।वैनगंगा नदी सिवनी से निकलकर महाराष्ट्र में प्रवेश करती है। वैनगंगा नदी गोदावरी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले की सतपुड़ा रेंज की महादेव पहाड़ियों से निकलती है।कन्हान नदी वैनगंगा नदी की एक महत्वपूर्ण दाहिने किनारे की सहायक नदी है।मध्यप्रदेश के सिवनी जिला में वैनगंगा नदी का उदगम स्थल सिवनी से नागपुर रोड पर 10 कि.मी. की दूरी पर बसे ग्राम गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा है। मुंडारा गांव के पास स्थित रजोलाताल से वैनगंगा नदी एक कुंड से निकलती है !यह नदी सिवनी की अर्द्व परिक्रमा करती हुई पहले उत्तर में फिर पूर्व की ओर तत्पश्चात दक्षिणी-पूर्वी दिशा में बहती है इसका प्रारम्भिक बहाव क्षेत्र चट्टानी हैँ, परन्तु फिर उपजाऊ मैदान तथा सकरी घाटीयोँ से बहती है ।
वैनगंगा नदी दिघोरी, बंडोल छपारा से होते हुये सीधे छपारा के भीमगढ संजय सरोवर बांध जो कि एशिया का सबसे बडा मिट्टी का बांध हैँ से जल भराव के बाद मझगवा, केवलारी से बालाघाट जिला होते हुये भंडारा तथा चांदा जिले से बहती हुई वर्धा नदी में मिलती है।इन दोनों के संगम के बाद नदी का नाम प्राणहिता हो जाता है।
कन्हान नदी,बावनथड़ी नदी तथा पेँच नदी इसकी सहायक नदीयाँ है। आगे जाकर वैनगंगा नदी गोदावरी नदी मे मिल जाती है इस प्रकार वैनगंगा नदी गोदावरी नदी की सहायक नदी है।वैनगंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा मिटटी का बांध है, इसे भीमगढ़ (संजय सरोवर) बाँध कहा जाता है। यह सिवनी जिले में है।
- वैनगंगा नदी को मध्य प्रदेश की सिवनी की जीवन रेखा कहा जाता है
- वैनगंगा नदी भारत में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में बहने वाली एक नदी है।
- वैनगंगा नदी दक्षिण मध्य प्रदेश की ओर बहने वाली एकमात्र नदी है।
- वैनगंगा नदी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की एक मुख्य नदी है और वैनगंगा नदी दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है |
- वैनगंगा नदी महाराष्ट्र राज्य के भंडारा जिले में वर्धा नदी मैं मिलती है, यही स्थान वैनगंगा नदी का मुहाना है ।वैनगंगा नदी और वर्धा नदी के संगम स्थल को या मिलन स्थल को को ‘प्राणहिता’ कहा जाता है।
- वैनगंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा मिटटी का बांध है, इसे भीमगढ़ (संजय सरोवर) बाँध कहा जाता है। यह सिवनी जिले में है।
- विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मिट्टी का बांध भीमगढ़ बांध मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में वैनगंगा नदी पर स्थित है।
- वैनगंगा नदी पर अपर बेनगंगा, संजय सरोवर परियोजना है जो बालाघाट सिवनी में है।
- वैनगंगा नदी अर्ध चंद्राकार में बहती है और इस नदी पर महाराष्ट्र राज्य के भंडारा शहर में पहला बंदरगाह स्थापित किया गया था।
- वैनगंगा नदी महाराष्ट्र में वर्धा नदी में मिल जाती है।
- वैनगंगा नदी बेसिन का विस्तार मध्यप्रदेश राज्य, महाराष्ट्र राज्य में है।
- वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश राज्य में सिवनी और बालाघाट जिले में बहती है।
- वैनगंगा नदी के द्वारा व्यापक बाढ़ के मैदानों को विकसित किया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप सुंदर मेन्डर्स , कम जलोढ़ फ्लैट्स और स्लिप-ऑफ ढलानों का निर्माण होता है।
- वैनगंगा नदी का उत्तरी भाग महादेव पहाड़ियों और सतपुड़ा रेंज से घिरा हुआ है।
- वैनगंगा नदी की घाटी वनाच्छादित और विरल आबादी है।
- पुराण में वेणु अथवा वेण्या के नाम से वैनगंगा नदी का वर्णन मिलता है।
वैनगंगा नदी का उद्गम स्थान
वैनगंगा नदी का उद्गम स्थान मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) परसवाड़ा सिवनी हैं।वैनगंगा नदी मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) से निकलती है।मध्यप्रदेश के सिवनी जिला में वैनगंगा नदी का उद्गम स्थान सिवनी से नागपुर रोड पर 10 कि.मी. की दूरी पर बसे ग्राम गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा है। मुंडारा गांव के पास स्थित रजोलाताल से वैनगंगा नदी एक कुंड से निकलती है
बैनगंगा नदी की कुल लंबाई का विस्तारपूर्वक वर्णन
वैनगंगा नदी की कुल लंबाई 570 किमी है।मध्य प्रदेश राज्य में में लगभग 275 किलोमीटर और महाराष्ट्र राज्य में लगभग 295 किलोमीटर है।
वैनगंगा नदी का अन्य नाम क्या क्या है?
वैनगंगा नदी को वैनगंगा नदी के नाम से तो जाना ही जाता है परंतु प्राचीन काल में या प्राचीन इतिहास में वैनगंगा नदी को अन्य नामों से भी जाना जाता है। इस नदी के तट पर बसे नगर या शहर के स्थानीय लोग वैनगंगा नदी को अन्य नामों से पुकारते हैं। वैनगंगा नदी के अन्य नाम है।
- वैन्या,
- दिदि
- बेवा,
- बैना,
- वेवे,
- वेणी,
- वैया,
वैनगंगा नदी की सहायक नदियां है
- पेँच नदी
- थांवर नदी
- कठानी नदी
- हिर्री नदी
- कन्हान नदी वैनगंगा नदी की एक महत्वपूर्ण दाहिने किनारे की सहायक नदी है।
- चंदन नदी, दाहिने तरफ के तट से
- मूल नदी, दाहिने तरफ के तट से
- हीरा नदी, दाहिने तरफ के तट से
- देवनदी, दाहिने तरफ के तट से
- बावनथड़ी, (बवांथाडी) दाहिने तरफ के तट से
- थेल नदी, बाएं तरफ के तट से
- चुलबंध नदी, बाएं तरफ के तट से
- बाघ नदी, बाएं तरफ के तट से
- वर्धा नदी, बाएं तरफ के तट से
- गढ़वी नदी, बाएं तरफ के तट से
- खोब्रगडी नदी, बाएं तरफ के तट से
- थनवर नदी, बाएं तरफ के तट से
- सोनचिरी नदी, बाएं तरफ के तट से
- कथनी नदी ,बाएं तरफ के तट से
बैनगंगा नदी किस नदी की सहायक नदी है।
वैनगंगा नदी गोदावरी नदी की सहायक नदी है।
वैनगंगा नदी भारत के कौन-कौन से राज्यों में बहती है?
वैनगंगा नदी भारत के निम्नलिखित 2 राज्यों में बहती है
- मध्य प्रदेश राज्य
- महाराष्ट्र राज्य
वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश राज्य के कौन-कौन से प्रमुख शहरों मैं बहती है ?
वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश राज्य के निम्नलिखित प्रमुख शहरों में बहती है।
- सिवनी जिला
- बालाघाट जिला
वैनगंगा नदी महाराष्ट्र राज्य के कौन-कौन से जिलों या शहरों में बहती है?
वैनगंगा नदी महाराष्ट्र राज्य के निम्नलिखित प्रमुख शहरों में बहती है।
- भंडारा जिला
- गडचिरोली जिला
- चांदा जिला
वैनगंगा नदी के तट पर प्रमुख प्राचीन मंदिर का विस्तार पर्वक वर्णन
वैनगंगा नदी के तट पर प्रमुख प्रमुख प्राचीन मंदिर निम्नलिखित हैं।
श्री गुरूरत्नेश्वर धाम मंदिर
श्री गुरूरत्नेश्वर धाम मंदिर दिघोरी जिला सिवनी में विश्व का अनोखा अद्भुत एवं आश्चर्यजनक मंदिर है। जहां पर स्फटिक का शिवलिंग स्थापित है।श्री गुरूरत्नेश्वर धाम मंदिर की स्थापना द्वि पीठाधीश्वर शंकाराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज निवासी सिवनी द्वारा की गई है।श्री गुरूरत्नेश्वर धाम दिघोरी जिला सिवनी तक पहुंचने के लिए सिवनी से जबलपुर मार्ग पर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मार्ग पर ग्राम राहीवाडा बसा है। राहीवाडा ग्राम के पश्चिम दिशा में एक बहुत बडा गेट बनाया गया है। गेट पर भगवान श्री शिवजी के परिवार के चित्र बना हुआ है।मुख्य मार्ग से 8 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम में ग्राम दिघोरी में श्री गुरूरत्नेश्वर धाम का विशाल मंदिर दक्षिण शैली में बना है।मकर संक्राति एवं महाशिवरात्रि पर्व पर प्रतिवर्ष मेला लगता है। मंदिर के पास से पवित्र वैनगंगा नदी बहती है।
सिद्ध घाट केवलारी सिवनी -
सिद्ध घाट मध्य प्रदेश राज्य के जिला सिवनी सिवनी शहर का एक मुख्य पर्यटन आकर्षण है। यहां पर बैन गंगा नदी बहती है, वैनगंगा नदी चट्टानों से बहती है। यहां पर नदी के बीच में शिव भगवान जी का प्राचीन सुंदर मंदिर एक चट्टान पर बना हुआ है। यह प्राचीन सुंदर मंदिर जंगल के बीच में स्थित है। सिद्ध घाट केवलारी तहसील में बिछुआ मल गांव के पास स्थित है।जंगल और नदी का दृश्य बहुत ही मनोरम है।
प्राचीन मंदिर मुंडारा जिला शिवनी
वैनगंगा नदी मध्य प्रदेश के एक मुख्य नदी है। वैनगंगा नदी का उद्गम सिवनी जिले मुंडारा नामक स्थान पर हुआ है। मुंडारा पर एक कुंड है। इसी कुंड से ही वैनगंगा नदी का उद्गम हुआ है। कुंड के बीच में छोटा सा मंदिर बना हुआ है। वैनगंगा नदी का उद्गम स्थल सिवनी जिले से करीब 20 किलोमीटर दूर होगा। वैनगंगा नदी के उद्गम स्थल पर आपको अन्य मंदिर भी देखने को मिलगे। जैसे
- राधा कृष्ण का मंदिर
- हनुमान जी का मंदिर
- भूरा भगत का मंदिर
बोंदरानी शिव और राम मंदिर
बोंदरानी शिव और राम मंदिर वैनगंगा नदी के तट पर जिला गोंदिया की तहसील तीरोआ मैं स्थित है।
शंकर घाट
शंकर घाट मध्य प्रदेश राज्य में बालाघाट जिले मे स्थित है। शंकर घाट बालाघाट मे सुंदर जगह है। शंकर घाट वैनगंगा नदी के किनारे स्थित है। यहां का वातावरण हरियाली से भरा हुआ है। शंकर घाट पर शिव भगवान का प्राचीन मंदिर है।
वैनगंगा नदी के तट पर मारकंडा शिव मंदिर
मार्कण्डेय शिव मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है जो वैनगंगा नदी के तट पर गढचिरोली मे स्थित है।
वैनगंगा नदी पर बने हुए बांध या वैनगंगा नदी परियोजना का वर्णन
वैनगंगा नदी और वैनगंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों पर बांध या परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। वैनगंगा नदी और वैनगंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों पर बने हुए बांध या वैनगंगा नदी परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2012 तक, वैनगंगा नदी बेसिन में लगभग 149 बांध बन चुके हैं।
गोस खुर्द बांध
वैनगंगा नदी पर गोस खुर्द बांध महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा बनाया जा रहा है
संजय सरोवर बांध ( भीमगढ़ डैम) -
मध्य प्रदेश राज्य में जिला सिवनी के छपारा ब्लॉक के पास संजय सरोवर बांध ( भीमगढ़ डैम) बना हुआ है। संजय सरोवर बांध भीमगढ़ डैम तक नेशनल हाईवे 7 से पहुंच सकते हैं। बांध का निर्माण वर्ष 1970 - 1980 मैं हुआ था। भीमगढ़ डैम - बांध को संजय गांधी बांध भी कहा जाता है। यह बांध वैनगंगा नदी पर बनाया बना हुआ है। वैनगंगा नदी का उद्गम सिवनी के मुंडेर गांव में हुआ है। भीमगढ़ जलाशय एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है। इस बांध के पास में ही जल विद्युत का संयंत्र लगाया गया है। इस बांध से जल विद्युत उत्पादन किया जाता है।मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छपारा में यह बांध बना हुआ है, और इस बांध का निर्माण सन 1970 में हुआ ।संजय गांधी परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य की संयुक्त परियोजना है ।और यह बांध विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है तथा यह बांध एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है |
धूती बांध -
धूती बांध मध्य प्रदेश राज्य के बालाघाट जिले में स्थित है। और इस बांध का निर्माण सन 1917 से लेकर सन 1923 के बीच में हुआ है |धुटी डैम - धुटी बांध बालाघाट जिले की एक दर्शनीय जगह है। जब धुटी बांध ओवरफ्लो होता है, तो बांध का पानी बांध के ऊपर से गिरता है, जो जलप्रपात या झरने की तरह लगता है।धुटी डैम - धुटी बांध का निर्माण अंग्रेजो के समय हुआ था।धुटी बांध मध्यप्रदेश राज्य के जिला बालाघाट से करीब 50 किलोमीटर है।
नेहल सेरा बांध -
नेहाल सेरा बांध वैनगंगा नदी की सहायक नदी चंदन नदी पर बना हुआ है |
धनोरा बांध -
यह बांध वैनगंगा नदी की सहायक नदी कान्हा नदी पर बना हुआ है |
गांगुलपारा बांध
गांगुलपरा बांध मध्य प्रदेश राज्य के बालाघाट जिले में है।यह बालाघाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर है।
राजीव सागर बांध -
राजीव सागर बांध मध्य प्रदेश राज्य के जिला बालाघाट में स्थित एक दर्शनीय स्थल है। राजीव सागर बांध मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है। यह बांध बालाघाट से करीब 90 किलोमीटर दूर है। राजीव सागर बांध को बावनथडी बांध भी कहा जाता है। राजीव सागर बांध वैनगंगा नदी की सहायक नदी बावनथडी नदी पर बना हुआ है।राजीव सागर बांध मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट जिले की कटंगी तहसील में स्थित है
वैनगंगा नहर परियोजना -
यह परियोजना मध्य प्रदेश की पहली नहर परियोजना है और इस नहर का निर्माण वर्ष 1923 में किया गया था।
इस नहर की लंबाई 45 किलोमीटर है,और इस नहर की दो अन्य 35 किलोमीटर की लंबाई वाली शाखाएं निर्मित की गई है।इस नहर के द्वारा मध्य प्रदेश का बालाघाट और महाराष्ट्र के भंडारा जिले की 4000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है।
वैनगंगा नदी पर बने हुए जलप्रपात का वर्णन
वैनगंगा नदी पर बने हुए जलप्रपात हैं
गांगुल जलप्रपात -
यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के बालाघाट में स्थित है |
मलधर जलप्रपात -
यह जलप्रपात वैनगंगा नदी की सहायक नदी देव नदी पर स्थित है
वैनगंगा नदी के तट पर प्रमुख मेले का वर्णन
वैनगंगा नदी के तट पर प्रमुख मेले
मुंडारा मेला
सिवनी जिले में मुंडारा में प्रतिवर्ष वैनगंगा नदी के तट पर बड़ा मेला लगता है। मुंडारा वैनगंगा नदी का उद्गम स्थल है। मुंडारा मेला कार्तिक पूर्णिमा में लगता है और 14 दिन तक लगता है। वैनगंगा नदी में स्नान करने का भी बहुत महत्व है।
बैनगंगा नदी का मुहाना का वर्णन
वैनगंगा नदी मझगवा, केवलारी से बालाघाट जिला होते हुये महाराष्ट्र राज्य के भंडारा तथा चांदा जिले से बहती हुई वर्धा नदी में मिलती है।वर्धा नदी और वैनगंगा नदी के संगम स्थान को ‘प्राणहिता’ कहा जाता है।
वैनगंगा नदी का संगम स्थान का वर्णन
वैनगंगा नदी के संगम : वैनगंगा नदी अपने उद्गम स्थान मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले की मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) से निकलती है और वैनगंगा नदी मझगवा, केवलारी से बालाघाट जिला होते हुये महाराष्ट्र राज्य के भंडारा तथा चांदा जिले से बहती हुई गढ़चिरौली जिले के चपराला नामक स्थान पर वर्धा नदी में मील जाती है।वर्धा नदी और वैनगंगा नदी के संगम स्थान को ‘प्राणहिता’ कहा जाता है।और फिर वैनगंगा नदी और वर्धा नदी दोनों नदियां मिलकर प्राणहिता नदी का निर्माण करती है ।फिर प्राणहिता नदी आगे चलकर तेलंगाना राज्य के कालेश्वर में गोदावरी नदी में समाहित हो जाति है ।
Conclusion point to be remembered
- वैनगंगा नदी दक्षिण मध्य प्रदेश की ओर बहने वाली एकमात्र नदी है।
- वैनगंगा नदी का उद्गम स्थान मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) परसवाड़ा सिवनी हैं।वैनगंगा नदी मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) से निकलती है।मध्यप्रदेश के सिवनी जिला में वैनगंगा नदी का उदगम स्थल सिवनी से नागपुर रोड पर 10 कि.मी. की दूरी पर बसे ग्राम गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा है। मुंडारा गांव के पास स्थित रजोलाताल से वैनगंगा नदी एक कुंड से निकलती है।
- मध्य प्रदेश के सतपुड़ा रेंज के दक्षिणी ढलानों में सिवनी जिले के मुंडारा गाँव से लगभग 12 किमी दूर से वैनगंगा नदी निकलती है।
- मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी है वैनगंगा नदी सिवनी जिले की जीवनधारा के रूप में जानी जाती है। इस नदी का उद्गम स्थल गोपालगंज से लगभग 6 कि. मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा में हुआ है।
- वर्धा नदी और वैनगंगा नदी के संगम स्थान को ‘प्राणहिता’ कहा जाता है।
- वैनगंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा मिटटी का बांध है, इसे भीमगढ़ (संजय सरोवर) बाँध कहा जाता है। यह सिवनी जिले में है।
- वैनगंगा नदी पर अपर वैनगंगा नदी, संजय सरोवर परियोजना है जो बालाघाट सिवनी में है।