मौनिया नृत्य
मौनिया नृत्य की जानकारी
मौनिया नृत्य, बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) :- आज इस लेख में हम मौनिया नृत्य जो कि बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) का लोक नृत्य है एवं मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य/नृत्यों में से एक है की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।मौनिया नृत्य, बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) क्षेत्र या आंचल से संबंधित है। मौनिया नृत्य अहीर जाति के लोगों के द्वारा किया जाता है।
मौनिया नृत्य, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) का एक प्रमुख लोक नृत्य है। मौनिया नृत्य, बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) अंचल में अहीर जाति,समाज या समुदाय के द्वारा किया जाता है। यह नृत्य बुंदेलखंड का सबसे प्रसिद्ध ,पारंपरिक एवं प्राचीन लोक नृत्य है।
मौनिया नृत्य, को 'सेहरा नृत्य' एवं 'दीपावली नृत्य' के नाम से भी जाना जाता है। यह नृत्य बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) के ग्रामीण क्षेत्रों में या अंचल में हिंदुओं के पवित्र दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन किया जाने वाला नृत्य है। मौनिया नृत्य पुरुष प्रधान नृत्य है जो दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन सिर्फ पुरुषों के द्वारा ही किया जाता है।
- इस नृत्य में ग्रामीण पुरुषों द्वारा अपनी पारंपरिक परिधान या पोशाक पहनकर मोर के पंखों को लेकर एक घेरा बनाकर नृत्य करते है।
- बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) अंचल में मोनिया नृत्य प्रत्येक वर्ष चंद्र कैलेंडर के अनुसार नवंबर महीने के अंत में या नवंबर महीने के पहले सप्ताह में दीपावली के त्योहार के दौरान किया किया जाने वाला नृत्य है।
- दीपावली त्योहार के दूसरे दिन गांव-गांव की गलियों में पुरुषों एवं युवाओं के द्वारा टोलियां बनाकर ढोल नगाड़े की थाप पर गोल घेरा बनाकर हाथों में डंडे एवं मोर पंख लेकर नृत्य करते हैं।
- मोनिया नृत्य में नर्तक बहु रंगीन प्रकार की के पोशाक या वस्त्र पहनते हैं जैसे शर्ट पैंट और मोर पंख भी धारण करते है।
- इस नृत्य में प्रयुक्त होने वाले होने मुख्य वाद्ययंत्र ढोलक और नगरिया (ढोल नगाड़े) है।
- इस नृत्य को बुंदेलखंड अंचलों में फसल कटाई के बाद ईश्वर को धन्यवाद देने के रूप में भी किया जाता है।
- मौनिया नृत्य बुंदेलखण्ड में अहीर जाति द्वारा किया जाता है।
- यह नृत्य हिन्दुओं के प्रसिद्ध पर्व 'दीपावली' के दूसरे दिन किया जाता है।
- इस नृत्य में पुरुष अपनी पारंपरिक पोशाक या वस्त्र पहनकर मोर के पंखों को लेकर एक घेरा बनाकर करते हैं।
- बुंदेलखंड की सबसे प्राचीन पारंपरिक नृत्य शैली है।
मौनिया नृत्य का नाम 'मौनिया' कैसे पड़ा
बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में ग्रामीण पुरुषों द्वारा मौन होकर 'मौन परमा' उत्सव के दिन इस नृत्य को करने के कारण इस नृत्य का नाम मौनिया नृत्य पड़ा। इस दिन कृष्ण भक्त मौन धारण करते हैं, इसलिए इस नृत्य को मौनिया कहा जाता है।
मौनिया नृत्य के अन्य नाम
बुंदेलखंड क्षेत्र या आंचल में मौनिया नृत्य को निम्नलिखित अन्य नाम से भी जाना जाता है
- सेहरा नृत्य
- दीपावली नृत्य
मौनिया नृत्य का नाम कैसे पड़ा
बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्र या अंचल में ग्रामीण पुरुषों द्वारा मौन होकर 'मौन परमा' उत्सव के दिन इस मौनिया नृत्य को करने के कारण इस नृत्य का नाम मौनिया नृत्य पड़ा ।
मौनिया नृत्य की पोशाक या वस्त्र
बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्र या अंचलों में दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन किए जाने वाले मौनिया नृत्य की पोशाक या वस्त्र निम्नलिखित है
- शर्ट
- पैंट
- हाथों में मोर पंख
मौनिया नृत्य के प्रमुख वाद्य यंत्र
मौनिया नृत्य के प्रमुख वाद्य यंत्र निम्नलिखित है
- ढोलक
- नगरिया
- ढोल
- नगाड़े
मौनिया नृत्य की शुरुआत
प्राचीन समय की मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के मौन धारण से मौनिया नृत्य की शुरुआत हुई, एक दिन श्री कृष्ण यमुना नदी के किनारे बैठे हुए थे और अचानक उनकी सारी गायें कहीं चली गई।अपनी गायों को न पाकर भगवान श्री कृष्णा बहुत दुखी हो गए और दुखी होकर उन्होंने मौन धारण कर लिया श्री कृष्ण को दुखी देख सभी ग्वाले परेशान हो गए और सभी गायों को ढूंढना शुरू कर दिया जैसे ही सभी गए मिल गई तो भगवान श्री कृष्ण ने अपना मन तोड़ दिया। इस मान्यता के अनुसार मौनिया नृत्य की शुरुआत हुई।
मौनिया नृत्य पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQs
Q-1. मौनिया नृत्य किस क्षेत्र से संबंधित है?
ANS- बुंदेलखंड क्षेत्र से
Q-2. मौनिया नृत्य किस क्षेत्र का प्रमुख लोक नृत्य है?
ANS- बुंदेलखंड क्षेत्र
Q-3. मौनिया नृत्य किस राज्य से संबंधित है ?
ANS- मध्य प्रदेश राज्य
Q-4. मौनिया नृत्य किस राज्य का प्रमुख लोक नृत्य है?
ANS- मध्य प्रदेश राज्य का
Q-5. बुंदेलखंड क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन कौन सा नृत्य किया जाता है?
ANS- मौनिया नृत्य
Q-6. मौनिया नृत्य क्या है?
ANS- मौनिया नृत्य मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड का लोक नृत्य है यह नृत्य बुंदेलखंड का सबसे प्राचीन एवं पारंपरिक लोक नृत्य है। यह नृत्य दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन किया जाने वाला नृत्य है। इस नृत्य को अहीर जाति के लोगों के द्वारा किया जाता है ।यह नृत्य एक पुरुष प्रधान नृत्य है जो दीपावली त्यौहार के दूसरे दिन किया जाता है।
Q-7. मौनिया नृत्य कौन सी जाति के लोगों के द्वारा किया जाता है?
ANS- अहीर जाति
Q-8. मौनिया नृत्य की परंपरा किस युग से चली आ रही है?
ANS- द्वापर युग
Q-9. इतिहास के अनुसार किस शासन काल में बुराई व दुश्मनों के खिलाफ जंग लड़ने के लिए घर-घर वीर सपूत तैयार करने के लिए बुंदेलखंड में अनूठी लोकविधा मौनिया की शुरूआत हुई थी?
ANS- चंदेल शासन काल में
Q-10. फसल की कटाई के बाद ईश्वर का धन्यवाद देने के रूप में बुंदेलखंड क्षेत्र में कौन सा नृत्य किया जाता है?
ANS- मौनिया नृत्य
Q-11. मौनिया नृत्य किस संस्कृति से संबंधित है?
ANS- चरवाही संस्कृति से
Q-12. कौन सा नृत्य बुंदेला वीरों के शौर्य का प्रतीक है?
ANS- मौनिया नृत्य
Q-13. मौनिया नृत्य कौन सी जाति का लोक नृत्य है?
ANS- अहीर जाति
Q-14. कौन सा नृत्य बुंदेलखंड में अहीर जाति द्वारा किया जाता है?
ANS- मौनिया नृत्य
निष्कर्ष
मौनिया नृत्य,बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) का लोक नृत्य है यह नृत्य मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य में से एक है।बुंदेलखंड (बुंदेलखण्ड) के ग्रामीण क्षेत्रों एवं अंचलों में प्रतिवर्ष चंद्र कैलेंडर के अनुसार नवंबर माह के अंत या नवंबर माह के पहले सप्ताह में दीपावली के त्यौहार के दूसरे दिन किया जाने वाला नृत्य है।मौनिया नृत्य, अहीर जाति या समुदाय के लोगों के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है मौनिया नृत्य मुख्य रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र से संबंधित है। मौनिया पुरुष प्रधान नृत्य है।