पाई डंडा नृत्य, बुंदेलखंड
आज इस लेख में हम (Pai Danda Dance-Pai Danda Nritya Bundelkhand) पाई डंडा नृत्य,बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। बुंदेलखंड अंचल या क्षेत्र में पाई डंडा नृत्य को डंडा पाई नृत्य,बुंदेली पाई डंडा डांस और दिवारी पाई डंडा नृत्य (Diwari Pai Danda Dance - Nritya) के नाम से भी जाना जाता है। यह नृत्य बुंदेलखंड क्षेत्र से संबंधित है।
बुंदेलखंड का पाई डंडा नृत्य
(Pai Danda Nritya -Dance) पाई डंडा नृत्य, बुंदेलखंड अंचल या क्षेत्र के प्रमुख लोक नृत्यों में से एक है। लोक नृत्य (Pai Danda) ' पाई डंडा ' की उत्पत्ति भगवान श्री कृष्ण के जीवन काल के समय की मानी जाती है।ऐसा माना जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने ग्रामीणों को भगवान इंद्रदेव के प्रकोप से (भारी बारिश के प्रकोप से) बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था तो ग्रामीणों ने अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए नृत्य करना शुरू कर दिया था। इस तरह पाई डंडा नृत्य की उत्पत्ति हुई। यह नृत्य भगवान श्री कृष्ण की जीत के जश्न को मनाने के लिए किया जाता है। यह नृत्य ग्रामीणों के बीच समानता और भाईचारे की भावना को बढ़ाता है।
- बुंदेलखंड का पाई डंडा नृत्य भगवान श्री कृष्ण की लीला पर आधारित होता है।
- बुंदेलखंड क्षेत्र में दिवारी पाई डंडा नृत्य अहीर ग्वाले एवं यादव जाति के लोगों के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
- बुंदेलखंड के प्रसिद्ध नृत्य पाई-डंडा नृत्य युद्ध कला से जुड़ा हुआ है जो एक प्रकार का युद्ध कौशल है।
- पाई-डंडा नृत्य को मार्शल आर्ट्स और जिमनास्टिक का जन्मदाता भी माना जाता है।
- यह नृत्य भाद्रपद की पंचमी से पौष - माघ माह की मकर संक्राति तक किया जाने वाला नृत्य है।
पाई डंडा नृत्य के अन्य नाम
लोक नृत्य पाई डंडा नृत्य के अन्य नाम निम्नलिखित है
- डंडा पाई नृत्य
- दिवारी पाई डंडा नृत्य
- बुंदेली पाई डंडा डांस
डंडा पाई नृत्य या पाई डंडा नृत्य की पोशाक
बुंदेलखंड क्षेत्र में (Pai Danda Dance-Nritya) पाई डंडा नृत्य की पोशाक निम्नलिखित है:-
- लंगोट
- लाल फुलरा गुल गंद
- पाँव में घुंघरू
- सर में पगड़ी या साफा
- छोटे डंडे या लाठी
- मोर पंख
पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य में उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र
(Pai Danda Nritya or Diwari Pai Danda Nritya) पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य में उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र निम्नलिखित है:-
- मंजीरे
- घुंघरू घुंघरू
- डपली और ढोलक
पाई डंडा नृत्य पर सर पूछे जाने वाले प्रश्न;FAQs
Q-1. कौन सा नृत्य जिमनास्टिक और मार्शल आर्ट का एक ऊर्जावान प्रदर्शन है?
ANS- पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य
Q-2. कौन सा नृत्य युद्ध कला के कौशलों से जुड़ा हुआ है?
ANS- पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य
Q-3. किस नृत्य की उत्पत्ति भगवान श्री कृष्ण के जीवन कल से मानी जाती है?
ANS- पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य
Q-4. कौन सा नृत्य भगवान श्री कृष्ण की लीला पर आधारित है?
ANS- पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य
Q-5. पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य किस प्रकार का नृत्य है?
ANS- सामूहिक नृत्य पुरुषों द्वारा
Q-6. बुंदेलखंड के किस क्षेत्र में पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य किया जाता है?
ANS- बाँदा
Q-7. कौन सा नृत्य बुन्देली शौर्य का प्रमाण देता है?
ANS- पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य
निष्कर्ष
आज इस लेकर माध्यम से हमने मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्यों में से एक बुंदेलखंड क्षेत्र के (Pai Danda Dance-Pai Danda Nritya) पाई डंडा नृत्य या दिवारी पाई डंडा नृत्य की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की है। यह नृत्य बुंदेलखंड क्षेत्र से संबंधित है जो अहीर ग्वाले एवं यादव जाति के द्वारा किया जाता है। यह नृत्य बुंदेलखंड के प्रमुख लोक नृत्यों में से एक है।