TET STUDY MATERIAL | MPTET Space Science 2022
नमस्कार दोस्तों मैं राजेंद्र ठाकुर एक बार फिर से gainknowlege.com पर आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज मेरे द्वारा इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको MPTET EXAM 2022 मैं दिए गए पाठ्यक्रम पर्यावरण के अंतर्गत वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा पात्रता परीक्षा 2022 में अंतरिक्ष विज्ञान ,SPACE SCIENCE, स्पेस साइंस के प्रश्न अधिक मात्रा में पूछे जा रहे हैं। लगभग 15 से 20 प्रश्न अंतरिक्ष विज्ञान स्पेस साइंस.SPACE SCIENCE, से पूछे जा रहे हैं। इसलिए मेरे द्वारा अपने आर्टिकल में स्पेस साइंस अंतरिक्ष विज्ञान MPTET के टॉपिक के अंतर्गत निम्न महत्वपूर्ण तथ्यों को आपके लिए तैयार किया है जैसे :
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO,
आर्यभट्ट . भास्कर . रोहिणी . PSLV . GSLV . चंद्रयान-1.चंद्रयान -2 . मंगलयान . अंतरिक्ष यात्रीयों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान।
मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा उपलब्ध कराई गई MPTET अंतरिक्ष विज्ञान ,स्पेस साइंस, SPACE SCIENCE,की जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो )(ISRO) Indian Space Research Organisation : MPTET
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO का मुख्यालय बंगलौर ( कर्नाटक ) में स्थित है। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO का मुख्य कार्य के अंतर्गत भारत के लिये अंतरिक्ष सम्बधी उन्नत तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 में की गयी थी।तब इसका नाम 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' (INCOSPAR) था।
MPTET Exam के लिए इसरो के स्मरणीय तथ्य
- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO) प्रथम निदेशक या अध्यक्ष या चेयरमैन विक्रम साराभाई थे।
- वर्तमान में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO के अध्यक्ष निदेशक या चेयरमैन डॉ कैलासवटिवु शिवन् हैं।
- इसरो के वर्तमान प्रशासक या निदेशक एस सोमनाथ है।
- ISRO (इसरो) का प्राथमिक अंतरिक्ष बंदरगाह "सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा" आंध्रप्रदेश मे है।
- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए वर्ष 2014 मे इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के एक वर्ष बाद भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO) ने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया।
- जून 2016 तक इसरो, ISRO लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है।
- डॉ विक्रम साराभाई को भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है।
- भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा 1961 में अंतरिक्ष अनुसंधान को परमाणु ऊर्जा विभाग की देखरेख में रखा था।
- परमाणु उर्जा विभाग के निदेशक होमी भाभा, जो कि भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं, उनके द्वारा 1962 में 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' (इनकोस्पार) का गठन किया था, जिसमें डॉ॰ साराभाई को सभापति के रूप में नियुक्त किया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो )(ISRO) Indian Space Research Organisation पर
महत्वपूण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1.इसरो(ISRO) का पूर्ण रूप क्या है।
ANS - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
Q-2. ISRO का पूर्ण रूप क्या है।
ANS - Indian Space Research Organisation,
Q-3.अंतरिक्ष का अध्ययन क्या कहलाता है।
ANS - अंतरिक्ष विज्ञान, एस्ट्रोलॉजी (Astrology)
Q-4.विश्व में कुल कितने देशों के पास सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियां हैं।
ANS - 72 देशों के पास
Q-5.कुल कितने देशों के पास सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियां संपूर्ण प्रक्षेपण दक्षता प्रक्षेपण यान एक साथ कई उपग्रहों को भेजने की क्षमता आदि तकनीक मौजूद है।
ANS - 6 देशों के पास
Q-6.सीएनएसए का फुल फॉर्म क्या है पूर्ण रूप क्या है।
ANS - चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन
Q-7.ई एस ए का फुल फॉर्म क्या है पूर्ण रूप क्या है ।
ANS - यूरोपियन स्पेस एजेंसी
Q-8.इसरो (ISRO) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मुख्यालय कहां स्थित है।
ANS - बेंगलुरु कर्नाटक
Q-9.इसरो (ISRO)भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का पूर्व का नाम क्या था।
ANS - भारतीय राष्ट्रीय समिति आईएनसी (आई एन सी ओ एस पी ए आर) INCOSPAR
Q-10.इसरो "भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन"
(ISRO)की स्थापना कब हुई थी या किस वर्ष हुई थी।
ANS - 15 अगस्त 1969
Q-11.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के प्रमुख मुख्य कार्य क्या है ।
ANS - भारत के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीकी उपलब्ध कराना।
Q-12. अंतरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य क्या है।
ANS - उपग्रह प्रमोचन यानो, परीज्ञापी रॉकेट और भू प्रणाली का विकास करना,।
Q-13. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की स्थापना कब हुई थी ।
ANS - 15 अगस्त 1969
Q-14. भारतीय अनुसंधान संगठन इसरो का पूर्व का नाम 15 अगस्त 1969 में क्या था।
ANS - भारतीय राष्ट्रीय समिति (आई एन सी ओ आर एस पी ए आर)।
Q-15. इसरो के प्रथम निदेशक अध्यक्ष चेयरमैन कौन थे।
ANS - विक्रम साराभाई
Q-16. इसरो के नए निदेशक अध्यक्ष चेयरमैन कौन है।
ANS - डॉक्टर, के.सिवन,(Dr.K.Sivan
Qइसरो के वर्तमान अध्यक्ष चेयरमैन निर्देशक कौन हैं।
ANS - श्री एस सोमनाथ shri s, somnath
Q-17. इसरो ने मिशन MOM मार्स आर्बिटर मिशन कब लांच किया था ।
ANS - 24 सितंबर 2014
Q-18. इसरो उपग्रह केंद्र का मुख्यालय कहां है।
ANS - तिरुवंतपुरम
Q-19.इसरो जड़त्व प्रणाली काय का मुख्यालय कहां है ।
ANS - तिरुवंतपुरम
Q-20.इसरो का प्राथमिक अंतरिक्ष बंदरगाह कौन सा है ।
ANS - सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में है।
Q-21.इसरो को शांति निरस्त्रीकरण और विकास के लिए किस वर्ष इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ।
ANS - 2014
Q-22. इसरो ने कब एस्ट्रोसाइट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित की थी।
ANS - 29 सितंबर 2015
Q-23. इसरो की पहली अंतरिक्ष वेधशाला कौन सी है ।
ANS - एस्ट्रो सेट
Q-24.इसरो ने जून 2016 तक लगभग 20 अलग-अलग देशों के कितने उपग्रह को लांच या प्रक्षेपण कर चुका है ।
ANS - 57
Q-25.भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कौन है या किसे कहा जाता है ।
ANS - विक्रम साराभाई
Q-26.इसरो के logo को कब adopt किया था।
ANS - वर्ष 2002 में
Q-27.विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर कहां स्थित है या विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र कहां स्थित है।
ANS - तिरुवंतपुरम
Q-28. INCOSPAR के प्रथम चेयरमैन अध्यक्ष या निदेशक कौन थे।
ANS - विक्रम साराभाई
Q-29. INCOSPAR "INDIAN NATIONAL COMMITTEE FOR SPACE RESEARCH की स्थापना कब हुई थी ।
ANS - 1962
Q-30.15 जनवरी 2018 में इसरो के अध्यक्ष चेयरमैन के लिए किसे नियुक्त किया गया था।
ANS - के, सिवन (K.Sivan)
Q-31.किसे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है।
ANS - विक्रम साराभाई.Vikram Sarabhai,
Q-32. इसरो ने 15 फरवरी 2017 को कितने सेटेलाइट उपग्रह एक साथ अंतरिक्ष में भेजकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
ANS - 104
Q-33.इसरो का आदर्श वाक्य क्या है ।
ANS - मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी।
Q-34.इसरो द्वारा पहला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन को किस वर्ष लांच किया जाना प्रस्तावित है ।
ANS - 2022
Q-35.नासा NASA एवं इसरो ISRO का संयुक्त Q मिशन NISAR किस वर्ष लांच किया जाएगा ।
ANS - 2023
Q-36.अंतरिक्ष विभाग (DOs)की स्थापना किस वर्ष हुई थी। ANS - 1972
Q-37.विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र कहां स्थित है।
ANS - त्रिवेंद्रपुरम या त्रिवेंद्रम।
Q-38.भारत का उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र इंडियन सेटेलाइट लांच सेंटर कौन सा है ।
ANS - श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश कर्नाटक।
Q-39.इसरो का अगला प्रक्षेपण कौन सा होगा।
ANS- गगनयान 2022 तक ।
Q-40. इसरो द्वारा मंगलयान 2 के प्रक्षेपण कब किया जाएगा
ANS- वर्ष 2024 में
Q-41. इसरो ने अब तक कुल कितने प्रमुख प्रक्षेपण यान विकसित किए हैं ।
ANS- 5 एसएलवी एएसएलवी पीएसएलवी PSLV जीएसएलवी GSLV .जीएसएलवी MK3
Q-42. नासा का पूर्ण रूप क्या है ।
ANS- नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन
Q-43. नासा किस देश की अंतरिक्ष एजेंसी है ।
ANS- अमेरिका
Q-44. नासा की स्थापना कब हुई थी ।
ANS- 1958
Q-45. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का प्रथम अध्यक्ष चेयरमैन कौन था ।
ANS- विक्रम साराभाई
Q-46. किसे रॉकेट मैन कहा जाता है।
ANS- के, सिवन
Q-47. नासा के मंगल ग्रह पर यान का क्या नाम है ।
ANS- फिनिक्स
Q-48. भारत का पहला संचार उपग्रह का क्या नाम है।
ANS- एप्पल (APPLE)
Q-49. भारत का प्रथम कम्युनिकेशन सेटेलाइट कौन सी है।
ANS- एप्पल एरियाने पैसेंजर पर लोड एक्सपेरिमेंट
Q-50. थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन कहां पर स्थित है।
ANS- केरला
Q-51. भारत की पहली या प्रथम इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कौन सी है।
ANS- आईआरएस 1a (IRS-1A)
Q-52. मिशन टो विनस शुक्र के लिए इसरो द्वारा बनाया गया स्पेसक्राफ्ट कौन सा है ।
ANS- shukrayaan-1
Q-53. अंतरिक्ष विभाग डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस डी ओ एस के के प्रति उत्तरदाई कौन होता है ।
ANS- प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया prime minister of india
Q-54. सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो द्वारा बनाया गया स्पेसक्राफ्ट कौन सा है ।
ANS- आदित्य L1 (Aaditya-L1)
Q-55. भारत द्वारा निर्मित की गई सबसे भारी सेटेलाइट कौन सी है ।
ANS- gsat-11 5854 किलोग्राम 4 दिसंबर 2018 को प्रक्षेपित
Q-56. किसके द्वारा 1 फरवरी 2003 को Metset-1 उपग्रह का कल्पना 1 नाम किसने किसने रखा था ।
ANS- अटल बिहारी वाजपेई
List of All Chairmen (अध्यक्ष )of ISRO (1963 -2022 तक) For MPTET
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) Indian Space Research Organisation, ISRO)
के अध्यक्षों की सूची निम्नलिखित हैं।MPTET
(1963 -2022 तक)
- Dr,Vikram Ambalal Sarabhai ( 1963- 1971).
- Prof. M G K Menon (Jan-Sept 1972).
- Prof. Satish Dhawan (1972-1984).
- Prof. Udupi Ramachandra Rao (1984-1994).
- Dr. Krishnaswamy Kasturirangan (1994-2003).
- Shri G Madhavan Nair (2003-2009).
- Dr. K. Radhakrishnan (2009-2014).
- Shri A S Kiran Kumar (2015 - 2018).
- Dr K Sivan (2018 - 2022).
- Shiri S,Somnath Chairman ISRO, Secretary DOS.(14 January 2022).
आर्यभट्ट
भारत की अंतरिक्ष में प्रथम यात्रा 1975 में रूस के सहयोग से इसके कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण से शुरू हुयी। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट,19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। इसका नाम महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था ।भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट सोवियत संघ द्वारा कॉसमॉस-3एम प्रक्षेपण यान से 19 अप्रैल 1975 को कपूस्टिन यार से लांच किया गया था।
आर्यभट्ट: महत्वपूण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1.भारत का प्रथम उपग्रह सेटेलाइट कौन सा था ।
ANS- आर्यभट्ट
Q-2. भारत द्वारा बनाया गया प्रथम उपग्रह सेटेलाइट कौन सा है ANS- आर्यभट्ट
Q-3. विदेशी भूमि से छोड़ा गया भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह कौन सा है ।
ANS- आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975
Q-4. आर्यभट्ट का प्रक्षेपण किस वर्ष हुआ था।
ANS- 19 अप्रैल 1975
Q-5. भारत का उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण कहां से किया गया था।
ANS- रूस
भास्कर
भारत का दूसरा उपग्रह भास्कर 7 जून 1979 जो 442 किलो का था पृथ्वी की कक्षा में में स्थापित किया गया।
रोहिणी
भारत का देश में प्रथम निर्मित कृत्रिम उपग्रह रोहिणी-प्रथम प्रक्षेपित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारत-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बन गया जिसे कक्षा में स्थापित किया गया।
रोहिणी उपग्रह पर महत्वपूण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1.स्वदेश निर्मित एवं स्वदेश भूमि से प्रक्षेपित प्रथम उपग्रह कौन सा है।
ANS- रोहिणी
Qभारत का प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम क्या है ।
ANS रोहिणी
Q कौन सा उपग्रह वर्ष 1980 में भारतीय निर्मित प्रक्षेपण यान slv-3द्वारा कक्षा में रखा जाने वाला प्रथम उपग्रह बन गया था ।
ANS रोहिणी
पीएसएलवी ,PSLV
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पी.एस.एल.वी, PSLV भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक उपभोजित प्रक्षेपण प्रणाली है। भारत ने इसे अपने सुदूर संवेदी उपग्रह को सूर्य समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया है। पीएसएलवी के विकास से पूर्व यह सुविधा केवल रूस के पास थी। पीएसएलवी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेजने में सक्षम है। अब तक पीएसएलवी की सहायता से 70 अन्तरिक्षयान (30 भारतीय + 40 अन्तरराष्ट्रीय) विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुके हैं। इससे इस की विश्वसनीयता एवं विविध कार्य करने की क्षमता सिद्ध हो चुकी है।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान(पीएसएलवी)
पीएसएलवी के निर्माता: ISRO भारत
पीएसएलवी को लॉन्च करने का स्थान भारत में कहां है:
लॉन्च स्थल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
भारत में अब तक ISRO द्वारा कितने पीएसएलवी लॉन्च किए हैं - 37,कुल लॉन्च 37
पीएसएलवी-जी: 12
पीएसएलवी-सीए: 11
पीएसएलवी-एक्सएल: 14
भारत में अब तक इसरो द्वारा कितने पीएसएलवी के सफल लॉन्च किए हैं- 35, सफल लॉन्च 35
पीएसएलवी-जी: 10
पीएसएलवी-सीए: 11
पीएसएलवी-एक्सएल: 14
अब तक कुल कितने असफल परीक्षण पीएसएलवी के हुए हैं:असफल परीक्षण 1 (पीएसएलवी-डी1)
अब तब कुल कितने पीएसएलवी के आंशिक असफल हुए हैं :आंशिक असफल परीक्षण 1 (पीएसएलवी-सी1)
पीएसएलवी की प्रथम उड़ान कौन सी है :प्रथम उड़ान:
पीएसएलवी-जी: 20 सितंबर 1993
पीएसएलवी-सीए: 23 अप्रैल 2007
पीएसएलवी-एक्सएल: 22 अक्टूबर 2008
जीएसएलवी, GSLV
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान ( Geosynchronous Satellite Launch Vehicle), (जी.एस.एल.वी) अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। जीएसएलवी का इस्तेमाल अब तक बारह लॉन्च में किया गया है, 2001 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से 29 मार्च 2018 को जीएसएटी -6 ए संचार उपग्रह ले जाया गया था। ये यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट होता है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीध में होता है। ये रॉकेट अपना कार्य तीन चरण में पूरा करते हैं। इनके तीसरे यानी अंतिम चरण में सबसे अधिक बल की आवश्यकता होती है। रॉकेट की यह आवश्यकता केवल क्रायोजेनिक इंजन ही पूरा कर सकते हैं।इसलिए बिना क्रायोजेनिक इंजन के जीएसएलवी रॉकेट का निर्माण मुश्किल होता है। अधिकतर काम के उपग्रह दो टन से अधिक के ही होते हैं। इसलिए विश्व भर में छोड़े जाने वाले 50 प्रतिशत उपग्रह इसी वर्ग में आते हैं। जीएसएलवी रॉकेट इस भार वर्ग के दो तीन उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में ले जाकर निश्चित कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है। यही इसकी की प्रमुख विशेषता है। हालांकि भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (जीएसएलवी मार्क 3) नाम साझा करता है, यह एक पूरी तरह से अलग लॉन्चर है।भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी)जीएसएलवी के निर्माता कौन है :ISRO भारत जीएसएलवी को लॉन्च करने का स्थल कौन सा है या लांच स्थल क्या है: लॉन्च स्थल श्रीहरिकोटा अब तक भारत में इसरो द्वारा कुल कितने जीएसएलवी लॉन्च किए हैं: कुल लॉन्च 13 (6 एमके-I, 7 एमके-II) अब तक भारत में इसरो द्वारा कुल कितने सफल जीएसएलवी लॉन्च किए हैं :सफल लॉन्च 8 (2 एमके-I, 6 एमके-II)।असफल जीएसएलवी परीक्षण कुल कितने हैं : असफल परीक्षण 3 (2 एमके-I, 1 एमके-II)। कुल आंशिक असफल जीएसएलवी कितने हैं :आंशिक असफल परीक्षण 2 (एमके-I)GSLV
जीएसएलवी की प्रथम उड़ाने कौन सी है:प्रथम उड़ान एमके-I: 18 अप्रैल 2001,एमके-II: 15 अप्रैल 2010
चंद्रयान-1
इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 भेजा जिसने चन्द्रमा की परिक्रमा की।चन्द्रयान ( चंद्रयान-1) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (इसरो ), Indian Space Research Organisation, (ISRO)द्वारा चंद्रमा के अंतरिक्षअन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रमा पर जाने वाला भारत का प्रथम अंतरिक्ष यान था। भारत के चंद्रयान-1 अभियान के अन्तर्गत एक मानव रहित यान को दिनाँक 22 अक्टूबर, 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया था। और यह दिनाँक 30 अगस्त,2009 तक सक्रिय अवस्था मे रहा था। यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी), Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV),के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था। (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी), Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) को चन्द्रमा तक पहुँचने में लगभग 5 दिन लग गए और चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 14 दिनों का समय लग गया।चंद्रयान-1ऑर्बिटर का मून इम्पैक्ट प्रोब (MIP) दिनाँक 14 नवंबर 2008 को चंद्र सतह पर उतरा, और परिणाम स्वरूप चंद्रमा पर अपना झंडा लगाने वाला चौथा देश भारत बन गया था ।चंद्रमा के लिए भारत का प्रथम मिशन, चंद्रयान-1 एस.डी.एस.सी. शार, श्रीहरिकोटा से 22 अक्तूमबर, 2008 को सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था। अंतरिक्षयान चंद्रमा की रसायनिक, खनिज विज्ञानीय एवं प्रकाश-भूविज्ञानीय मानचित्रण हेतु चंद्रमा की सतह से 100 कि.मी. की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा था। अंतरिक्षयान ने भारत, यू.एस.ए., जर्मनी, स्वी्डेन एवं बुल्गायरिया में निर्मित 11 वैज्ञानिक उपकरणों का वहन किया।
चंद्रयान -2
चंद्रयान -2 को 14 जुलाई २०१९ को लॉन्च किया जाना था। लेकिन लॉन्च को तकनीकी मुद्दों के कारण लॉन्च से 56 मिनट पहले अंतिम क्षणों में बंद कर दिया गया था। इसे बाद में 22 जुलाई, 2019 को जीएसएलवी एमके ३ रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। 6 सितंबर, २०१९ को लगभग 1:53 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो, मिशन कंट्रोल ने यान के साथ सभी संपर्क खो दिया, जबकि जमीन पर उतरने का प्रयास किया। संपर्क खो जाने पर चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर होने का अनुमान लगाया गया था।चंद्रयान-2 चंद्रमा के लिए पूर्व चंद्रयान-1 मिशन का उन्नलत वर्शन होगा। चंद्रयान-2 को द्वि-माड्यूल प्रणाली के रूप में संरूपित किया गया है जिसमें इसरो द्वारा विकसित रोवर का वहन करने वाले कक्षित्रयान माड्यूल (आर.सी.) शामिल है।
चंद्रयान उपग्रह पर महत्वपूण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1. चंद्रयान किस तारीख को चंद्र कक्ष में प्रवेश किया या पहुंचा ।
ANS- 8 नवंबर 2008
Q-2. कब चंद्रयान-1 मंगल ग्रह के कक्ष मार्स ऑर्बिटर में प्रवेश किया था ।
ANS- 24 सितंबर 2014
Q-3. chandrayaan-1 कब लांच या प्रक्षेपण किया था।
ANS- 22 अक्टूबर 2008
Q-4. भारत ने अपना पहला चंद्रयान का प्रक्षेपण किस अंतरिक्ष केंद्र से किया था।
ANS- सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र हरी कोटा आंध्र प्रदेश
Q-5. chandrayaan-2 कब लॉन्च किया प्रक्षेपण किया था।
ANS- 22 जुलाई 2019 में
Q-6. इसरो द्वारा chandrayaan-2 को प्रक्षेपन कब किया गया था।
ANS- 22 जुलाई 2019
Q-7. chandrayaan-2 का प्रक्षेपण या लांच कहां से किया गया था।
ANS- सतीश धवन स्पेस सेंटर सेकंड लॉन्च्ड श्रीहरिकोटा
Q-8. इसरो ने मिशन चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को किस रॉकेट से लांच किया था ।
ANS- पीएसएलवी सी 11
Q-9. मिशन चंद्रयान 3 को इसरो द्वारा कब लांच किया जाएगा या प्रस्तावित है ।
ANS- 2022
Q-10. चंद्रयान-1 के प्रक्षेपण के समय इसरो के अध्यक्ष कौन थे ।
ANS- के कस्तूरी रंजन
Q-11. chandrayaan-2 का प्रक्षेपण कब हुआ था।
ANS- 22 जुलाई 2019
Q-12. चंद्रयान-1 के मिशन के निर्देशक कौन थे।
ANS- अन्नादूरे
Q-13.- चंद्रयान-1 के समय इसरो का अध्यक्ष कौन था। ANS- राधाकृष्णन
मंगलयान
24 सितम्बर 2014 को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) भेजा। सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया और इस प्रकार भारत अपने पहले ही प्रयास में सफल होने वाला पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा।मंगलयान, (औपचारिक नाम- मंगल कक्षित्र मिशन, अंग्रेज़ी: Mars Orbiter Mission; मार्स ऑर्बिटर मिशन), भारत का प्रथम मंगल अभियान है। यह भारत की प्रथम ग्रहों के बीच का मिशन है। वस्तुत: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना है। इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया एक उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसऍलवी) सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया।
मंगलयान उपग्रह पर महत्वपूण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1, वह कौन सा देश है जो प्रथम प्रयास में ही मंगल ग्रह के कक्ष में पहुंच गया था।
ANS- भारत
Q-2. कौन सा मिशन मंगलयान से संबंधित है ।
ANS- मार्स आर्बिटर मिशन
Q-3. किस वर्ष मंगलयान 2 का प्रक्षेपण इसरो द्वारा किया जाएगा ।
ANS- 2024
Q-4. मंगलयान के प्रक्षेपण के समय इसरो के अध्यक्ष कौन थे ।
ANS- के राधाकृष्णन
अन्य उपग्रह
इसरो ने भूस्थिर प्रायोगिक उपग्रह की श्रृंखला जिसे जीसैट श्रृंखला के रूप में जाना जाता को भी लांच किया।
कल्पना-1
इसरो का पहला मौसम समर्पित उपग्रह कल्पना-1 को 12 सितंबर 2002 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान द्वारा लांच किया गया था। इस उपग्रह को मेटसैट-1 के रूप में भी जाना जाता था। लेकिन फरवरी 2003 में भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पेस शटल कोलंबिया में मारी गयी भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की याद में इस उपग्रह का नाम कल्पना-1 रखा।
उपग्रह सरल
इसरो ने 25 फरवरी, 2013 12:31 यूटीसी पर सफलतापूर्वक भारत-फ्रांसीसी उपग्रह सरल लांच किया। सरल एक सहकारी प्रौद्योगिकी मिशन है। यह समुद्र की सतह और समुद्र के स्तर की निगरानी के लिए इस्तेमाल की जाती है।
स्पॉट-7,नैनो उपग्रह VELOX-I,कनाडा का उपग्रह CAN-X5,जर्मनी का उपग्रह AISAT,
जून 2014 में, इसरो ने पीएसएलवी-सी23 प्रक्षेपण यान के माध्यम से फ्रेंच पृथ्वी अवलोकन उपग्रह स्पॉट-7 (714 किलो) के साथ सिंगापुर का पहला नैनो उपग्रह VELOX-I, कनाडा का उपग्रह CAN-X5, जर्मनी का उपग्रह AISAT लांच किये। यह इसरो का चौथा वाणिज्यिक प्रक्षेपण था।
गगन उपग्रह :नेविगेशन प्रणाली:जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन
गगन अर्थात् जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और इसरो ने 750 करोड़ रुपये की लागत से मिलकर तैयार किया है। गगन के नाम से जाना जाने वाला यह भारत का उपग्रह आधारित हवाई यातायात संचालन तंत्र है। अमेरिका, रूस और यूरोप के बाद 10 अगस्त 2010 को इस सुविधा को प्राप्त करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया। पहला गगन नेविगेशन पेलोड अप्रैल 2010 में जीसैट-4 के साथ भेजा गया था। हालाँकि जीसैट-4 कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका। क्योंकि भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान डी3 मिशन पूरा नहीं हो सका। दो और गगन पेलोड बाद में जीसैट-8 और जीसैट-10 भेजे गए।
आईआरएनएसएस उपग्रह :नेविगेशन प्रणाली : क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली
आईआरएनएसएस भारत द्वारा विकसित एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम भारत के मछुवारों को समर्पित करते हुए नाविक रखा है। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। आईआरएनएसएस दो प्रकार की सेवाओं प्रदान करेगा। (1)मानक पोजिशनिंग सेवा और (2)प्रतिबंधित या सीमित सेवा। प्रतिबंधित या सीमित सेवा मुख्यत: भारतीय सेना, भारतीय सरकार के उच्चाधिकारियों व अतिविशिष्ट लोगों व सुरक्षा संस्थानों के लिये होगी। आईआरएनएसएस के संचालन व रख रखाव के लिये भारत में लगभग 16 केन्द्र बनाये गये हैं। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आईआरएनएसएस-1ए उपग्रह ने 1 जुलाई 2013 रात 11:41 बजे उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद रॉकेट ने आईआरएनएसएस-1ए को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया। वर्तमान में सभी 7 उपग्रह को उनकी कक्षा में स्थापित किया जा चुका है। और 4 उपग्रह बैकअप के तौर पर भेजे जाने की योजना है।
दक्षिण एशिया उपग्रह: दक्षिण एशिया उपग्रह
5 मई 2017 को दक्षिण एशिया उपग्रह को श्रीहरिकोटा उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित कर दिया गया। यह उपग्रह पाकिस्तान को छोड़कर अन्य सभी सार्क (SAARC) देशों के लिए एक उपहार के समान था। इस उपग्रह के द्वारा पडोसी देशों के हॉटलाइन से जल्दी संपर्क बनाने, टी.वी. प्रसारण,भारतीय सीमा पर हलचल को रोकना आदि कार्य किए जा सकते हैं।
अंतरिक्ष में भारत का 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण रिकॉर्ड
अंतरिक्ष में भारत की सबसे बड़ी कामयाबी, ISRO ने एक साथ रिकॉर्ड 104 सैटेलाइट का प्रक्षेपण कर रचा इतिहास।[12] भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने 15/02/2017 श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से एक एकल मिशन में रिकार्ड 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र के जरिये रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किया गया।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अंतरिक्ष विज्ञान
1962: परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये एक राष्ट्रीय समिति का गठन और त्रिवेन्द्रम के समीप थुम्बा में राकेट प्रक्षेपण स्थल के विकास की दिशा में पहला प्रयास प्रारंभ।
1963: थुंबा से (21 नवंबर, 1963) को पहले राकेट का प्रक्षेपण
1965: थुंबा में अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी केन्द्र की स्थापना।
1967: अहमदाबाद में उपग्रह संचार प्रणाली केन्द्र की स्थापना।
1972: अंतरिक्ष आयोग एवं अंतरिक्ष विभाग की स्थापना।
1975: पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का (April 19, 1975) को प्रक्षेपण।
1976: उपग्रह के माध्यम से पहली बार शिक्षा देने के लिये प्रायोगिक कदम।
1979: एक प्रायोगिक उपग्रह भास्कर - 1 का प्रक्षेपण। रोहिणी उपग्रह का पहले प्रायोगिक परीक्षण यान एस एल वी-3 की सहायता से प्रक्षेपण असफल।
1980: एस एल वी-3 की सहायता से रोहिणी उपग्रह का सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापन।
1981: 'एप्पल' नामक भूवैज्ञानिक संचार उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण। नवंबर में भास्कर - 2 का प्रक्षेपण।
1982: इन्सैट-1A का अप्रैल में प्रक्षेपण और सितंबर अक्रियकरण।
1983: एस एल वी-3 का दूसरा प्रक्षेपण। आर एस - डी2 की कक्षा में स्थापना। इन्सैट-1B का प्रक्षेपण।
1984: भारत और सोवियत संघ द्वारा संयुक्त अंतरिक्ष अभियान में राकेश शर्मा का पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनना।
1987: ए एस एल वी का SROSS-1 उपग्रह के साथ प्रक्षेपण।
1988: भारत का पहला दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस-1A का प्रक्षेपण. इन्सैट-1C का जुलाई में प्रक्षेपण। नवंबर में परित्याग।
1990: इन्सैट-1D का सफल प्रक्षेपण।
1991: अगस्त में दूसरा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1B का प्रक्षेपण।
1992: SROCC-C के साथ ए एस एल वी द्वारा तीसरा प्रक्षेपण मई महीने में। पूरी तरह स्वेदेशी तकनीक से बने उपग्रह इन्सैट-2A का सफल प्रक्षेपण।
1993: इन्सैट-2B का जुलाईमहीने में सफल प्रक्षेपण। पी एस एल वी द्वारा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1E का दुर्घटनाग्रस्त होना।
1994: मईमहीने में एस एस एल वी का चौथा सफल प्रक्षेपण।
1995: दिसंबर महीने में इन्सैट-2C का प्रक्षेपण। तीसरे दूर संवेदी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण।
1996: तीसरे भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P3 का पी एस एल वी की सहायता से मार्च महीने में सफल प्रक्षेपण।
1997: जून महीने में प्रक्षेपित इन्सैट-2D का अक्टूबर महीने में खराब होना। सितंबर महीने में पी एस एल वी की सहायता से भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1D का सफल प्रक्षेपण।
1999: इन्सैट-2E इन्सैट-2 क्रम के आखिरी उपग्रह का फ्रांस से सफल प्रक्षेपण। भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P4 श्रीहरिकोटा परिक्षण केन्द्र से सफल प्रक्षेपण। पहली बार भारत से विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण : दक्षिण कोरिया के किटसैट-3 और जर्मनी के डी सी आर-टूबसैट का सफल परीक्षण।
2000: इन्सैट-3B का 22 मार्च 2000 को सफल प्रक्षेपण।
2001: जी एस एल वी-D1, का प्रक्षेपण आंशिक सफल।
2002: जनवरी महीने में इन्सैट-3C का सफल प्रक्षेपण। पी एस एल वी-C4 द्वारा कल्पना-1 का सितंबर में सफल प्रक्षेपण।
2004: जी एस एल वी एड्यूसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
2007: 22 अक्टूबर को चन्द्रयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
2013: 5 नवम्बर को मंगलयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
2014 : 24 सितम्बर को मंगलयान (प्रक्षेपण के 298 दिन बाद) मंगल की कक्षा में स्थापित, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-डी5) का सफल प्रक्षेपण (5 जनवरी 2014), आईआरएनएसएस-1बी (04 अप्रैल 2014) व 1 सी(16 अक्टूबर 2014) का सफल प्रक्षेपण, जीएसएलवी एमके-3 की सफल पहली प्रायोगिक उड़ान(18 दिसंबर 2014)
2015 - 29 सितंबर को खगोलीय शोध को समर्पित भारत की पहली वेधशाला एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण किया।
2016 - 23 मई को पूरी तरह भारत में बना अपना पहला पुनर्प्रयोज्य अंतरिक्ष शटल (रियूजेबल स्पेस शटल) प्रमोचित किया।
2016 - 22 जून : पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड 20 उपग्रह एक साथ छोड़े गए।
2016 - 28 अगस्त: वायुमंडल प्रणोदन प्रणाली वाला स्क्रेमजेट इंजन का पहला प्रायोगिक परीक्षण सफल।
2016 - 08 सितंबर: स्वदेश में विकसित क्रायोजेनिक अपर स्टेज(सीयूएस) का पहली बार प्रयोग करते हुए जीएसएलवी-एफ05 की सफल उड़ान के साथ इनसैट-3डीआर अंतरिक्ष में स्थापित।
15 फरवरी 2017 - एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित करके विश्व कीर्तिमान बनाया। PSLV-C37/Cartosat2 शृंखला उपग्रह मिशन में कार्टोसैट-2 के अलावा 101 अन्तरराष्ट्रीय लघु-उपग्रह (नैनो-सैटेलाइट) और दो भारतीय लघु-उपग्रह INS-1A तथा INS-1B थे।
22, जुलाई,2019 - चन्द्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण
अंतरिक्ष यात्रीयों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी अंतरिक्ष विज्ञान MPTET
Q-1. भारत का पहला भारतीय जो अंतरिक्ष पर गया था ।
ANS- राकेश शर्मा
Q-2. अंतरिक्ष में जाने वाला प्रथम भारतीय व्यक्ति कौन था ।ANS- राकेश शर्मा
Q-3. अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं ।
ANS- यूरी गागरिन
Q-4. अंतरिक्ष में जाने वाला प्रथम व्यक्ति यूरी गागरिन किस देश के थे ।
ANS- रूस सोवियत संघ
Q-5. अंतरिक्ष में जाने वाला प्रथम व्यक्ति यूरी गागरिन किस वर्ष गया था ।
ANS- वर्ष 1961 में
Q-6. भारत के राकेश शर्मा द्वारा रूसी अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरिक्ष में प्रवेश किस वर्ष किया था।
ANS- वर्ष 1984
Q-7. अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला कौन थी ।
ANS- वेलेंटीना टेरेश्कोवा
Q-8.अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला वेलेंटीना टैरेशकोवा किस देश की थी ।
ANS- रूस सोवियत संघ
Q-9. अमेरिका में जाने वाली प्रथम महिला वेलेंटीना किस वर्ष अंतरिक्ष में गई थी ।
ANS- वर्ष 1963 में
Q-10. चंद्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम व्यक्ति कौन था।
ANS- नील आर्मस्ट्रांग
Q-11. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कब गया था ।
ANS- 21 जुलाई 1969
Q-12. नील आर्मस्ट्रांग किस देश का था ।
ANS- अमेरिका
Q-13. अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन थी ।
ANS- कल्पना चावला
Q-14. कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में प्रवेश किस वर्ष किया था।
ANS- वर्ष 1997
Q-15. अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली दूसरी भारतीय महिला कौन थी।
ANS- सुनीता विलियम्स
Q-16. सुनीता विलियम्स किस वर्ष अंतरिक्ष में प्रवेश की थी। ANS- वर्ष 2007 में
Q-17. अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने का श्रेय किसको जाता है।
ANS- सुनीता विलियम्स को
Q-18. प्रथम अंतरिक्ष यात्री कौन था ।
ANS- यूरी गागरिन 12 अप्रैल 1961
Q-19. पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाने वाला प्रथम अंतरिक्ष यात्री कौन था।
ANS- यूरी गागरिन
Q-20. पहला अमेरिकी नागरिक जो अंतरिक्ष 1961 एवं चंद्रमा1971 पर गया था ।
ANS- एलएन शेफर्ड
Q-21. रूस की प्रथम महिला जो 6 जून 1963 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी ।
ANS- वेलेंटीना टैरेशकोवा
Q-22. वह कौन सा अंतरिक्ष यात्री था जिसने या जिसे अंत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 1 वर्ष तक रहने के लिए गया था।
ANS- स्टॉक केली
Q-23. सबसे कम उम्र की अंतरिक्ष यात्री ।
ANS- शैली राइड
Q-24. पहला अंतरिक्ष यात्री जिसका निधन या मृत्यु अंतरिक्ष में हो गई थी।
ANS- ब्लादीमीर कोमारोव
Q-25.भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कौन थी ।
ANS- कल्पना चावला
Q-26. किसने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं।
ANS- कल्पना चावला
Q-27. नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजी गई दूसरी भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कौन थे।
ANS- सुनीता विलियम्स
Q-28. भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे।
ANS- राकेश शर्मा
Thanks : Rajendra thakur